प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री ने दिया आदेश ।
2 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री की पसंदीदा एवं देश में उत्कृष्ट योजना कही गई ।
भोपाल , इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जीत का लगभग 15 वर्ष का इतिहास और लगातार शासन एवं रिकॉर्ड ,उनकी कई महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं पर निर्भर रहा है । ऐसी कई महत्वाकांक्षी योजना प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश में लागू की गई जिनका अनुपालन मध्य प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रदेशों ने किया , जिसमें लाडली लक्ष्मी योजना हो अथवा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना या अन्य । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पूर्व विधानसभा चुनाव के लगभग 6 माह पूर्व वर्ष 2018 में गरीब एवं पात्र लोगों के हितार्थ बिजली आपूर्ति एवं बिजली के बिलों से संबंधित , अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति हेतु संकल्पित एवं समर्पित इस संबल योजना का विशेष आकर्षण एवं प्रभाव रहा । योजना इतनी अधिक प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय रही कि राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना को उत्कृष्ट योजना के रूप में सराहा गया , परंतु जब सत्ता परिवर्तन हुई और कांग्रेस पार्टी सरकार में आई तो उन्होंने संबल योजना को लगभग बंद कर दिया और इसके स्थान पर अन्य योजना लागू करने के प्रयास प्रारंभ हो गए थे । कुल मिलाकर संबल योजना अपने मूल स्वरूप में अब एक बार पुनः आने के लिए तैयार है , आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबल योजना की समीक्षा हेतु प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के साथ बैठक की ।
संबल योजना को दिया जाएगा व्यापक स्वरूप ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गत वर्ष योजना का लाभ देने में गरीबों की अनदेखी की गई, जो न्याय संगत नहीं है। योजना के प्रारंभ होने के पश्चात दूसरे वर्ष में योजना के अमल पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया। श्री चौहान ने कहा कि उन्हें गत वर्ष विभिन्न जिलों के भ्रमण में भी इस संबंध में जनप्रतिनिधियों और आमजन द्वारा जानकारी दी गई। उन्होने कहा कि योजना के प्रावधानों पर भी पुनर्विचार कर शीघ्र ही इसे और व्यापक स्वरूप दिया जाएगा। मुख्य रूप से सामान्य और असामयिक मृत्यु पर अंत्येष्टि सहायता, विभिन्न तरह की अपंगता पर अनुग्रह सहायता और लघु व्यवसाय के उन्नयन के लिए योजना में मदद दिए जाने का प्रावधान है। गरीबों और वंचित वर्ग को जन्म से मृत्यु तक आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये यह योजना बनाई गई थी।बैठक में श्रम विभाग के अलावा स्वास्थ्य,उच्च शिक्षा,विद्युत से जुड़ी सुविधाओं के संबंध में कर हितग्राहियों के हित में योजना का दायरा बढ़ाने पर भी विचार विमर्श हुआ। जानकारी दी गई कि अप्रैल 2018 से प्रारंभ योजना में वर्ष 2018-19 में श्रम विभाग के अंतर्गत 703 करोड़ रूपये की राशि खर्च की गई।
मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह,सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि एवं अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
संबल योजना की विशेषताएं
मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल पर प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में असंगठित श्रमिकों को लाभान्वित करने का प्रावधान है। असंगठित श्रमिकों में उन्हें पात्र माना गया है, जो एक हैक्टेयर से कम भूमि के धारक हों, आयकर दाता न हों, शासकीय सेवा में ना हों, जिन्हें पी.एफ., ग्रेच्युटी एवं ई.एस.आई. का लाभ नहीं मिलता हो। योजना में असामयिक मृत्यु पर अनुग्रह सहायता, अंत्येष्टि सहायता और अपंगता पर आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया था। योजना को राज्य के जरूरतमंद लोगों के लिए लागू किया गया था।
संबल योजना में 5 हजार रुपए की राशि अंत्येष्टि के लिये सहायता के रूप में दी जाती थी। सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रूपये की राशि और दुर्घटना से मृत्यु होने पर चार लाख रुपए की राशि परिजन को देने का प्रावधान किया गया था। इसी तरह, स्थाई अपंगता पर 2 लाख रूपये की अनुग्रह सहायता एवं आंशिक स्थाई अपंगता पर एक लाख रूपये की अनुग्रह सहायता देने का प्रावधान किया गया। उन्नत व्यवसाय के लिए उपकरण क्रय करने बैंक से प्राप्त ऋण का 10 प्रतिशत अथवा 5 हजार रुपये, जो कम हो, वह भी इस योजना में देने का प्रावधान है।