शर्म करो, मुस्लिम बस्ती में पुलिस पर हमला
खुदा के इन सच्चे बंदों से ही कुछ सीख लेते,
वे अपनी जान, आपके लिए कुर्बान करने निकले हैं
प्रमोद दुबे, संपादक की रिपोर्ट
देश में इससे बड़ा दुर्भाग्य का विषय क्या होगा कि एक तरफ जहां संपूर्ण विश्व इस आपदा से निपटने के लिए प्रयासरत है, विश्व की सबसे बड़ी महा शक्तियां घुटने पर आ गई है, वही हिंदुस्तान में प्रतिदिन मानवता के नाम पर धिक्कार ने वाली कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है, जिसके चलते एक समुदाय के प्रति नफरत की भावना पूरे देश में फेल रही है, मुस्लिम समुदाय के कुछ उत्पादो एवं उन्मादी लोगों के कारण समाज का ताना-बाना और सांप्रदायिक सौहार्द्र बुरी तरह नष्ट होने के कगार पर पहुंच चुका है,
आज सुबह ही कुछ पुलिसकर्मियों पर ड्यूटी के दौरान भोपाल में मुस्लिम बस्ती मैं धारदार हथियारों के साथ हमला होता है, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी इस हमले को समझ ही नहीं पाते हैं और वह लहूलुहान हो जाते हैं, मुस्लिम समाज के कुछ उत्पाती तत्वों द्वारा किए गए इस हमले के विरोध में पुलिस कुछ समय बाद उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर देती है, इन उत्पाती तत्वों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होगी यह विषय सोचने का नहीं है, परंतु जिस तरह मध्य प्रदेश से लेकर हिंदुस्तान के कोने कोने में दिन प्रतिदिन इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है उसको लेकर संपूर्ण भारतवर्ष में एक वर्ग विशेष के खिलाफ जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है उसको देखते हुए इतना तो कहना उचित होगा कि कहीं ना कहीं दोष इस समुदाय विशेष के उत्पादित तत्वों का भी है।
एक तरफ निराशा तो आशाएं भी जगजाहिर
मरकजी जमात से निकले जमात में द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष में उनका फैलाव एवं सहयोग न करना आदि मामले को लेकर जिस तरह संपूर्ण भारतवर्ष में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध एक तरफा मुहिम चलाई गई उसके पीछे निश्चित रूप से कहीं ना कहीं कोई ना कोई राजनीतिक रंग भी स्पष्ट दिखाई देता है, एक सच्चा हिंदुस्तानी होने के नाते हम इस रंग से दूर हट कर दूसरे रंग की ओर निगाह करते हैं, एक तरफ जहां ऐसा माहौल है वहीं दूसरी और मुस्लिम समुदाय के कई लोगों द्वारा कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय के प्रति सकारात्मक एवं समर्पण का भाव भी सामने आ रहा है, सोशल मीडिया से लेकर इंदौर के एक प्रमुख समाचार पत्र ने एवं उनके संपादक ने आज एक ऐसी खबर प्रकाशित की जिसको देखकर निश्चित रूप से सच्चा हिंदुस्तानी होने के भाव को बल मिलता है।