विशेष रिपोर्ट । ब्रेकिंग ।
एक तरफ जहां विश्व स्तर पर अमेरिका से लेकर कई देश हजारों लाखों की संख्या में अपने नागरिकों की जान गवा चुके हैं , और कोई भी दवा इस संक्रमण को रोकने में कामयाब नहीं हुई ,दूसरी और हिंदुस्तान की स्थितियां देखे तो राष्ट्रीय परिदृश्य में कुल कोरोनावायरस की संख्या का मात्र 3% हिस्सा ही ऐसा है, जो गंभीर स्थिति में होने के बाद बच नहीं पा रहा .
मात्र 3% लोगों की हिंदुस्तान में कोरोनावायरस संक्रमण से मौत हो रही है , वहीं दूसरी ओर 50% से अधिक लोग ठीक होकर अपने-अपने घरों मैं पहुंच रहे हैं , इसका मतलब है कि हिंदुस्तान में लगभग हर प्रदेश एवं राज्यों में दवा भी काम कर रही है . अचूक दवा क्या होगी इसका लगातार इंतजार है , 24 घंटे पहले बेंगलुरु से ₹1000 में वैक्सीन के सफल प्रयोग का देश को इंतजार है वहीं दूसरी ओर बड़ी खबर भोपाल से आ रही है , जहां आज सुबह गुरुवार को 11:00 बजे के लगभग स्थानीय एवं हॉस्पिटल में संक्रमण के लिए नई दवा का ट्रायल मरीजों पर किया गया है . जिसका परिणाम देर शाम तक आने की संभावना व्यक्त की जा रही है . डॉक्टरों के अनुसार परिणाम सकारात्मक 100% आएंगे ।
विश्व में कीर्तिमान बनाएगा भोपाल एम्स ।
संबंधित विषय में कुरु ना कि जिन मरीजों पर इस दवा का प्रयोग आज 11:00 बजे किया गया है उस पर यह दवा सफल होती है जैसा कि 100% का दावा डॉक्टर कर रहे हैं , तो निश्चित रूप से भोपाल एम्स का नाम विश्व कीर्तिमान के रूप में स्थापित होगा । डॉक्टरों के अनुसार देर शाम तक अथवा कल सुबह तक इस दवा का असर और परिणाम सामने आ जाएगा । उसके बाद अन्य मरीजों को देने हेतु इस दवा को उपलब्ध कराते हुए प्रयोग में लाया जाएगा । इसके अतिरिक्त सबसे बड़ी बात यह है कि इस दवा का कोई साइड इफेक्ट लंग ,कैंसर ,कोस्ट टीवी और निमोनिया के मरीजों पर नहीं सामने आया है । इस प्रयोग में सफलता मिल चुकी है ।
आखिर क्या है दवा ।
एम्स में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा का कोरोना संक्रमित मरीजों पर ट्रायल शुरू हो गया है। तीन मरीजों को दवा का पहला डोज दिया गया है। माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू (एमडब्ल्यू) दवा इंजेक्शन के रूप में एमडब्ल्यू दवा के 3 डोज दिए ।
इस दवा का वैक्सीन के रूप में पूर्व में भी ट्रायल हो चुका है। लंग कैंसर, कुष्ठ, टीबी और निमोनिया जैसी बीमारियों के इलाज में इसके परिणाम सकारात्मक रहे थे। इस दवा का इंसानों पर कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। यह दवा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, जिससे मरीज खुद-व-खुद ही संक्रमण से ठीक हो जाता है। एम्स डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने बताया कि मरीजों को 3 ग्रुप में बांटकर ट्रायल होगा। पहले सिर्फ क्रिटिकल कोरोना पेशेंट को ही दवा दी जाएगी। एक सप्ताह में इसके प्रारंभिक नतीजे सामने आ जाएंगे। उसी के बाद कोरोना मरीजों पर दवा के प्रभाव के बारे में अधिकारिक रूप से बयान जारी किया जाएगा। इसके बाद हेल्थ वर्कर और बिना लक्षण वाले युवा मरीजों पर ट्रायल होगा, लेकिन इन दोनों कैटेगरी पर एक सप्ताह बाद ही ट्रायल शुरू करेंगे।
क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने वाला पहला संस्थान
एम्स भोपाल के अतिरिक्त दिल्ली एम्स व पीजीआई चंडीगढ़ को भी कोरोना मरीजों पर इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल का जिम्मा दिया है। पीजीआई चंडीगढ़ में अब तक 6 मरीजों पर दवा का सेफ्टी ट्रायल किया गया है। जबकि भोपाल एम्स क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने वाला पहला संस्थान बनने जा रहा है। डायरेक्टर डॉ. सिंह के नेतृत्व में प्रो. रजनीश जोशी, प्रो. देबासीस विस्वास, डॉ. सौरभ सैगल, डॉ. सागर खडंगा की टीम इस शोध में शामिल हैं। ट्रायल को 3 माह में पूरा किया जाना है, लेकिन 15 जून तक इसके प्रभाव की पहली प्रारंभिक रिपोर्ट आईसीएमआर को देने जा रहे हैं ।
500 में से 200 घर पहुंच गए भोपाल में ।
चिरायु अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अजय गोयनका के अनुसार, चिरायु अस्पताल में अब तक करीब 510 कोरोना पॉजिटिव मरीज आए हैं, जिनमें से आज तक 190 व्यक्तियों का सफल इलाज किया जा चुका है। उन्होंने कहा है कि हर रोज ठीक हो रहे कोरोना मरीजों को पूरी तरह से स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया जाएगा। यह क्रम निरंतर चलता रहेगा, केवल गंभीर स्थितियों के मरीजों को ही रोका जाएगा। उन्होंने भोपालवासियों से अपील की कि कोरोना एक सामान्य बीमारी की तरह ही है इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसका इलाज संभव है। अच्छे खानपान और अनुशासित जीवन से शरीर का इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर इस बीमारी को हराया जा सकता है।