शासन के समक्ष दो तरफा चुनौती।
प्रदेश में 80 हजार मामले बढ़ने का अनुमान ।
मरीजों की संख्या 5 हजार 508 हो गई है। राज्य में अब जो मरीज सामने आ रहे हैं वे उनमें वे लोग हैं जो दूसरे राज्यों से लौटे हैं। बालाघाट, डिंडोरी, पन्ना, दमोह, गुना, मंडला, सिवनी, उमरिया, राजगढ़, सिंगरौली, टीकमगढ़ और छतरपुर में जो भी मरीज मिले हैं, वे बाहर से आए हैं। इधर, ग्रीन जोन जिलों में मिली छूट में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। बाजारों और बैंकों समेत दूसरी सार्वजनिक जगहों पर भीड़ देखी जा रही है। ऐसे में संक्रमण फैलने की आशंका और बढ़ गई है।जुलाई तक प्रदेश में मरीजों की संख्या 80 हजार से एक लाख तक पहुंच सकती है। इसे ध्यान में रखकर सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई का कहना है कि प्रदेश में 80 हजार मामले बढ़ने का अनुमान है, लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें।
संक्रमितों में 94% गुजरात, महाराष्ट्र या दिल्ली से आए मरीज।
मध्यप्रदेश में विभिन्न जिलों के जो आंकड़े कोरोनावायरस पॉजिटिव संबंध में सामने आए हैं उसके अनुसार प्रदेश के भिंड मुरैना दतिया में महाराष्ट्र गुजरात एवं दिल्ली से आए हुए मरीजों के कारण संख्या सीधे-सीधे 94% तक बढ़ गई है । इन जिलों में कुल 35 कोरोनावायरस मरीज पाए गए हैं जो अप्रवासी मजदूर अथवा अन्य प्रदेशों से आए । वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड क्षेत्र को देखा जाए तो दमोह सागर छतरपुर टीकमगढ़ आदि क्षेत्रों में जितने भी संक्रमित मरीज पाए गए हैं उनका प्रतिशत 90% से अधिक है । और यह 90% मरीज प्रवासी मजदूर अथवा अन्य प्रदेश से आए हुए वह लोग हैं जो लोक डाउन के दौरान वहां फंस गए । इसी तरह सेंधवा में 5 मरीज नीमच में 3 मरीज एवं खंडवा एवं बालाघाट में जितने भी 10 दिन के अंदर मरीज सामने आए हैं जिसमें खंडवा में 22 मरीज एवं बालाघाट में तीन मरीज । उपरोक्त सभी मरीज महाराष्ट्र से आए हुए अप्रवासी मजदूर बता जाते हैं । इसी क्रम में दमोह एवं सीहोर में जो मरीज सामने आए हैं उनमें दिल्ली से आई स्पेशल ट्रेन जिसमें 1366 मजदूर थे सो के लगभग मजदूर और उनमें संक्रमण की स्थितियां सामने आई है । वहीं दूसरी ओर सीहोर में भी यही हालात हैं यहां पर श्रमिक एक्सप्रेस से आए हुए 7 लोगों को पॉजिटिव पाया गया है।