सत्ता पक्ष और विपक्ष में उलझने लगे आरोप और प्रत्यारोप के बीच संक्रमण के दावे । कांग्रेश -भाजपाई आरोपों की राजनीति ।

पंडित अशोक दुबे की रिपोर्ट



कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पिछले 10 दिनों के अंदर एक तरफ जहां मध्य प्रदेश की स्थिति 3700 के लगभग पहुंच चुकी है, पुरानी भोपाल के हालात दिन प्रतिदिन गंभीर होते जा रहे हैं । मजदूरों की होती लगातार मौत से सवाल उठ रहे हैं। वहीं दूसरी और संक्रमण अपनी गति से काम कर रहा है। डॉक्टर से लेकर पुलिसकर्मी अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। भोपाल में डॉक्टर एवं पुलिसकर्मियों की संक्रमण की संख्या परिवार के साथ होते हुए लगभग 200 तक पहुंच चुकी है। परंतु मध्य प्रदेश में राजनीतिक दल अपनी लड़ाई कोरोनावायरस संक्रमण के आंकड़ों से लेकर मजदूरों की हालत पर दिन प्रतिदिन लड़ाई लड़ रहे हैं। जैसे ही संक्रमण को लेकर अव्यवस्था सामने आती है वैसे ही विपक्ष की ओर से जबरदस्त हमला कर दिया जाता है। एक तरफ महामारी की भयावहता वहीं दूसरी तरफ राजनीति। प्रदेश में दोनों पार्टियों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर उसी तरह चालू है जिस तरह राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में चालू है।


कमलनाथ और शिवराज के बीच बयान बाजी।


लगभग 1 महीने से कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर संक्रमण के पहला में दोषी आकर कौन है ? इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर 7 दिनों तक चलता रहा. भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रारंभ की स्थिति में कमलनाथ को दोषी ठहराया वहीं दूसरी और आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ताओं के बयान एवं स्वयं कमलनाथ सामने आ गए और उन्होंने आरोप प्रत्यारोप ओं को गति देते हुए भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एवं तत्कालीन राजनीतिक परिदृश्य में सियासी उठापटक को दोषी ठहराते हुए भाजपा को कटघरे में खड़ा किया.. जैसे तैसे दौर समाप्त हुआ तो उसके बाद जैसे ही कोई विसंगति अथवा दवाइयों की कमी अथवा संक्रमण का फैलाव जैसे मुद्दे आए कांग्रेस पार्टी की ओर से कमलनाथ समय-समय पर ट्विटर के माध्यम से तो कभी प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला करने के लिए तैयार रहें और उन्होंने लगातार हमला किया । महामारी के काल में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप को लेकर इतने सक्रिय दिखाई दे रहे हैं इतनी सक्रियता अगर सामाजिक कार्यों में लगाएं तो इससे अच्छा कोई कार्य नहीं हो सकता परंतु राजनीतिक अभी भी जारी है।


प्रशासन सक्रियता के साथ कार्य कर रहा है।


आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सक्रियता के साथ प्रशासनिक प्रक्रिया जारी है , वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई रणनीति एवं टीम मेडिकल टीम के साथ साथ पुलिसकर्मियों की सक्रियता अपने आप में स्वता दिखाई दे रही है । प्रदेश में संक्रमण काल से निपटने के लिए 1 महीने से अधिक समय तक बिना किसी मंत्री मंडल के प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार काम किया जानकारी के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 24 घंटे में 18 घंटे तक कार्य किया । इस स्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को प्रशासनिक स्तर पर गिरने के स्थान पर कांग्रेस पार्टी की ओर से उन मुद्दों पर गिरा गया जिन मुद्दों पर कोई ना कोई कमी या अथवा व्यवस्था में कोई कमी अथवा विसंगति सामने आई। जैसे विगत दिनों महाराष्ट्र से लौट रहे मजदूरों की मौत का मामला सामने आया था। मजदूरों का पलायन को लेकर कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को आरोपित लगातार कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार है उन प्रदेशों के मामले में कांग्रेस  खामोश हो जाती है ।


मध्य प्रदेश सहित भोपाल में जमीनी हालात।


 महामारी के जमीनी हालात वर्तमान में मध्य प्रदेश सहित भोपाल में क्या है , उन हालातों पर गौर न करते हुए सत्ता पक्ष विपक्ष द्वारा आरोप-प्रत्यारोप के मध्य जनता खामोशी के साथ स्थिति को जनता भोग रही है और देख रही है । जानकारी के अनुसार रविवार तक मध्य प्रदेश में  संक्रमित मरीजों की संख्या 35 सौ के लगभग थी जो बढ़ती हुई 3700 पर पहुंच गई ।भोपाल में संक्रमितों की कल की संख्या 704 से बढ़कर आज 743 हो गयी। इनकी संख्या में 39 की वृद्धि हुयी है। संक्रमितों में एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं। राजधानी भोपाल में सबसे अधिक प्रकरण जहांगीराबाद और शहर के पुराने हिस्से में सामने आए हैं। भोपाल में अभी तक 30 लोगों की मौत हुयी है और लगभग चार सौ व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। उज्जैन में संक्रमितों की संख्या 227 से बढ़कर 237 हो गयी है। यहां पर जहां 94 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं, तो 45 की मौत हो चुकी है। जबलपुर में संक्रमितों की संख्या 119 से 123 हो गयी है। पांच लोगों की मौत हुयी है और 28 स्वस्थ हो चुके हैं। खरगोन में 81 प्रकरण सामने आए हैं और 8 की मौत हुयी है। धार में 79 प्रकरण और 2 मौत, रायसेन में 64 प्रकरण और 3 की मौत हुयी है।