गेहूँ खरीदी केन्द्रों पर किसानों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था
एक तरफ जहां मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण फैलता ही जा रहा है, प्रदेश को खतरे के अंतर्गत अलग-अलग जोनों में विभाजित किया गया है, लोगों का घरों से निकलना कठोर प्रतिबंधों से घिरा हुआ है, संपूर्ण लॉक डाउन के घेरे में प्रतिदिन मौतों नवरत सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी और प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा मध्य प्रदेश में किसानों के हितार्थ फसल खरीदी कार्यक्रम का श्रीगणेश कर दिया गया है।
ग्वालियर :ग्वालियर में कुछ केंद्रों पर सन्नाटा रहा जबकि कुछ पर बारदाना और तौलकांटे तक नहीं पहुंचे। चना व सरसों की खरीद के लिए किसानों के पास एसएमएस ही नहीं पहुंचे। गेहूं खरीद के लिए 74 केंद्र बने हैं। इनमें से इनमें से 10 पर ही खरीदी हुई। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के कुछ केंद्रों पर स्टाफ ही नहीं था, इसलिए खरीद प्रारंभ नहीं हो सकी।
मुरैना : मुरैना में सरसों की खरीदी होनी थी लेकिन गेहूं किसानों को मैसेज भेज दिए। बड़ागांव नावली, जींगनी सोसाइटी पर कलेक्टर प्रियंका दास ने किसानों को फोन करके बुलवाया तो उन्होंने जबाव दिया कि गेहूं कटा ही नहीं है। जिलेभर में बस 28 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई।
धार :धार में जिलेभर में कई किसान अधिक उपज लेकर पहुंचे लेकिन उनसे तीन क्विंटल गेहूं ही खऱीदा गया। किसानाें ने इसकी शिकायत कलेक्टर श्रीकांत बनाेठ से की। किसानों का कहना था कि एसएमएस में ये नहीं लिखा है कि कितना माल लिया जाएगा
सीहोर : किसी किसान से 2 तो किसी से 4 या 8 क्विंटल उपज ली गई। नाराज किसान बोले, इससे तो हमारा भाड़ा भी नहीं निकलेगा।
दतिया: जिले में केवल तीन केंद्रों पर कुल 12 क्विंटल खरीदी हुई।
झाबुआ: जिले में बनाए गए 20 खरीदी केंद्रों में से 15 पर किसान नहीं पहुंचे।