भयावह स्थिति,  चिंताजनक परिस्थिति , फिर भी आगाज को सलाम है ।

                            


                     गेहूँ खरीदी केन्द्रों पर किसानों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था


एक तरफ जहां मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण फैलता ही जा रहा है, प्रदेश को खतरे के अंतर्गत अलग-अलग जोनों में विभाजित किया गया है, लोगों का घरों से निकलना कठोर प्रतिबंधों से घिरा हुआ है, संपूर्ण लॉक डाउन के घेरे में प्रतिदिन मौतों  नवरत सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी और प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा मध्य प्रदेश में किसानों के हितार्थ फसल खरीदी कार्यक्रम का श्रीगणेश कर दिया गया है।


प्रदेश में लगभग 200 खरीदी केंद्रों की स्थापना की गई, 1000 से अधिक किसानों को मैसेज पहुंचे, 800 के लगभग किसानों की फसल खरीदी का श्रीगणेश हुआ, अभी लोग एक तरफ जहां घरों से निकलने की स्थितियों में नहीं है, वहीं दूसरी ओर किसानों को घरों से निकलने की स्थितियां एवं तौल केंद्रों तक लोगों के पहुंचने से लेकर कर्मचारियों की आवक उसी तरह है जिस तरह फसलों की आवक इन मंडियों तक पहुंची है , कुल मिलाकर विपरीत परिस्थितियों के बाद भी अगर मान लिया जाए कि 25% भी खरीदी सुगमता के साथ प्रारंभ हो चुकी है तो आज दूसरा दिन है ।

कुल मिलाकर आगाज अच्छा है, तो अंजाम भी बेहतर ही होगा।

 







शिकायतों के बीच आंशिक खरीदी ।



 प्रदेश के 48 जिलों में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी का कार्य आज से एक साथ प्रारंभ हो गया है। खरीदी केन्द्रों पर किसानों और वहाँ कार्यरत कर्मचारियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिये स्वास्थ्य परीक्षण की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।प्रमुख सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि सभी जिलों को कोविड-19 के वायरस से बचाव के लिए गाइड-लाइन जारी की गई है। खरीदी केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के उद्देश्य से एक दिन में मात्र 6 किसानों को ही एस.एम.एस. भेजकर बुलाया जा रहा है। किसान 2 पाली में 3-3 की संख्या में खरीदी केन्द्रों पर पहुँचेंगे।

किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण

खरीदी केन्द्रों पर आए किसानों के लिये हैंडवाश और सेनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई है। खरीदी कार्य करने में लगे गुणवत्ता परीक्षक, नोडल अधिकारी, उपार्जन प्रभारी, ऑपरेटर एवं हम्मालों को अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करने के निर्देश दिए गये हैं। मास्क की आपूर्ति जिले के स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से कराई गई है।प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि खरीदी केन्द्रों की व्यवस्थाओं पर सतत निगरानी के लिए प्रत्येक 10 से 15 केन्द्रों पर एक जिलाधिकारी को सेक्टर अधिकारी बनाया गया है। इस अधिकारी के साथ भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नियुक्त की गई है, जो आवश्यकतानुसार किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। सागर जिले की गौरझामर तहसील में प्राथमिक कृषि साख सरकारी समिति चरगुवां के गेहूँ खरीदी केन्द्र पर आज से किसानों और कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद खरीदी प्रारंभ की गई। सागर जिले में 156 खरीदी केन्द्र बनाए गये हैं। इनमें 89 हजार 203 किसानों ने पंजीयन कराया है।होशंगाबाद जिले के शिव शक्ति वेयर हाउस पांजरा कला खरीदी केन्द्र पर गेहूँ की खरीदी का काम किसानों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य परीक्षण के साथ प्रारंभ हुआ है। होशंगाबाद जिले में 290 खरीदी केन्द्र बनाए गये हैं। इन केन्द्रों में 76 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय के लिए पंजीयन कराये हैं।

पहले दिन किसानों को  परेशानी का सामना करना पड़ा

समर्थन मूल्य खरीदी के पहले दिन किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। पहले दिन कुल 199 खरीदी केंद्रों में 94 केंद्रों में तौल कांटे ही चालू नहीं हो सके। कई केंद्रों में हम्माल नहीं पहुंचने से खरीदी बंद रही तो कई केंद्र चालू नहीं होने से वहां हम्माल फुर्सत में बैठे रहे। शासन द्वारा 177 केंद्रों के 1062 किसानों को खरीदी के मैसेज भेजे गए। इनमें से बुधवार शाम तक 300 किसानों से कुल 690 टन अनाज की खरीदी हो सकी। 


ग्वालियर :ग्वालियर में कुछ केंद्रों पर सन्नाटा रहा जबकि कुछ पर बारदाना और तौलकांटे तक नहीं पहुंचे। चना व सरसों की खरीद के लिए किसानों के पास एसएमएस ही नहीं पहुंचे। गेहूं खरीद के लिए 74 केंद्र बने हैं। इनमें से इनमें से 10 पर ही खरीदी हुई। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के कुछ केंद्रों पर स्टाफ ही नहीं था, इसलिए खरीद प्रारंभ नहीं हो सकी।


मुरैना : मुरैना में सरसों की खरीदी होनी थी लेकिन गेहूं किसानों को मैसेज भेज दिए। बड़ागांव नावली, जींगनी सोसाइटी पर कलेक्टर प्रियंका दास ने किसानों को फोन करके बुलवाया तो उन्होंने जबाव दिया कि गेहूं कटा ही नहीं है। जिलेभर में बस 28 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई।


धार :धार में जिलेभर में कई किसान अधिक उपज लेकर पहुंचे लेकिन उनसे तीन क्विंटल गेहूं ही खऱीदा गया। किसानाें ने इसकी शिकायत कलेक्टर श्रीकांत बनाेठ से की। किसानों का कहना था कि एसएमएस में ये नहीं लिखा है कि कितना माल लिया जाएगा


सीहोर : किसी किसान से 2 तो किसी से 4 या 8 क्विंटल उपज ली गई। नाराज किसान बोले, इससे तो हमारा भाड़ा भी नहीं निकलेगा।
दतिया: जिले में केवल तीन केंद्रों पर कुल 12 क्विंटल खरीदी हुई।
झाबुआ: जिले में बनाए गए 20 खरीदी केंद्रों में से 15 पर किसान नहीं पहुंचे।