भोपाल , प्रदेश की राजधानी भोपाल को शनिवार का दिन कुछ सुखद रहा परंतु आज रविवार को कोरोना के 27 नए मामले सामने आने के बाद कोरो ना संक्रमण की दहशत शहरी इलाके से हटकर अब भोपाल की झुग्गी बस्तियों एवं घनी आबादी वाले इलाकों पर जा पहुंची है । जानकारी के अनुसार अब वायरस का खतरा इन इलाकों में लगातार बढ़ता जा रहा है , विगत 24 घंटे के अंतराल में जो कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आई है उनमें अधिकांश इन इलाकों की पॉजिटिव रिपोर्ट हैं ।
निगम कर्मचारी पॉजिटिव, सरकार सक्रिय ।
पिछले कई दिनों से इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा था कि जो नगर निगम कर्मचारी सफाई कर्मी के रूप में भोपाल शहर को अपनी सेवा दे रहे हैं उनमें कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा हो सकता है, इस स्थिति में पिछले 7 दिनों के अंतराल में लगातार सभी सफाई कर्मचारियों एवं नगर निगम के अन्य कर्मचारियों की स्क्रीनिंग एवं सैंपल की जा रही थी , इसी कार्यक्रम के दौरान दो दिवस पूर्व नगर निगम भोपाल के कुछ कर्मचारियों के सैंपल लिए गए, इनमें कई कर्मचारियों के सैंपल पॉजिटिव आए , जानकारी के अनुसार जो सैंपल रिपोर्ट आज पॉजिटिव पाए गए उनमें सबसे अधिक संवेदनशील मामला नगर निगम में काम करने वाले एक कर्मचारी सुभाष जोशी का सामने आया है, उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई है । सुभाष जोशी की ड्यूटी दीनदयाल रसोई में लगी हुई थी जहां से रेन बसेरा में भोजन परोसा जा रहा था जानकारी के अनुसार 24 घंटे पहले तक वह रेन बसेरा में रहने वाले निराश्रित को भोजन बांटने का काम कर रहे थे । इस मामले के सामने आने के बाद नगर निगम कर्मचारियों सहित निराश्रित रेन बसेरा एवं दीनदयाल रसोई अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों में भय का माहौल व्याप्त हो गया । आज जो सैंपल रिपोर्ट सामने आई उसमें 9 दिन की एक बच्ची और 11 साल का एक बच्चा भी शामिल है , आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है ।
एक माह बाद पहुंची झुग्गियों तक मेडिकल टीम ।
भोपाल में सबसे बड़ा लापरवाही का मामला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से झुग्गियों को लेकर सामने आया है जिसमें 1 माह से अधिक समय होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी झुग्गियों की तरफ पहुंचे , जानकारी के अनुसार भोपाल में लगभग 2 दर्जन से अधिक सक्रिय झुग्गी बस्तियां हैं जो शहर के बीचों-बीच हैं , इन झुग्गियों को प्रारंभ से ही स्थानीय निवासियों द्वारा शिकायतों के आधार पर नगर निगम को एवं प्रशासन को सूचित किया जा रहा था, परंतु प्रशासन एवं स्वास्थ विभाग ने इस तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दिया , इन झुग्गियों के लोगों द्वारा किसी भी तरह की लॉक डाउन का ना तो पालन किए जा रहा था और ना ही प्रशासन अथवा पुलिस इन झुग्गियों तक पहुंच पा रही थी , अंततः वही हुआ जिसकी शंका व्यक्त की जा रही थी । जब स्वास्थ विभाग की टीम तीन दिवस पूर्व झुग्गी बस्तियों की और पहुंची और वहां से सैंपल लेना प्रारंभ हुए तो स्थिति स्वता ही भयावह रूप में सामने आ गई ।
घनी आबादीओं में भी बड़ा खतरा ।
चर्च रोड, अहिरपुरा, बैंक कॉलोनी, करोंद, शबरी नगर, छोला, सिकंदरिया सराय, बजरिया, बाग उमराव दूल्हा, बाग फरहत अफ्जा, हाउसिंग बोर्ड, बड़वाली मस्जिद, मोमिनपुरा, शबरी नगर, नया बसेरा, सर्वधर्म ए-सेक्टर, बैरागढ़ चीचली, प्रियंका नगर , टीटी नगर आवासीय परिसर, ऋषि नगर, इस्लामी गेट, आहाता रुस्तम खान, सरदार पटेल नगर, जुमेराती, इस्लामपुरा... ये वे इलाके हैं जहां या तो घनी बस्ती है या फिर कोरोना पॉजिटिव मरीज ज्यादा मिले हैं।इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की करीब 40 टीमें रोजाना सैंपलिंग कर रही हैं। पूरे इलाके की बेरिकेडिंग की जा चुकी है। कंटेनमेंट एरिया में अत्यावश्यक सेवा वालों को भी गेट पर रखे रजिस्टर में अपनी जानकारी दर्ज करनी होगी। अब इलाके के थाना प्रभारी को गेट पर रखे रजिस्टर की एंट्री-एग्जिट रोजाना शाम पांच बजे तक चैक करनी है। ऐसा न करने वाले पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।