केंद्र के निर्देशों के खिलाफ, प्राइवेट स्कूलों ने विरोध जताया। कहा -- फीस माफी संभव नहीं


केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के पालन में अभी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों में फीस माफी को लेकर आदेश भी जारी नहीं हो पाए थे, इस बीच मध्य प्रदेश के प्राइवेट स्कूल संचालकों ने विशेष रुप से वही स्कूल जिन्होंने अपना नाम प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर कमा रखा है . संबंध निर्देशों के विरोध में केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर पत्राचार प्रारंभ कर दिया है . इस संबंध में प्राइवेट स्कूलों  के  संचालकों का संचालकों का अपना तर्क है , दूसरी और अभिभावक संघ स्कूलों को डकैती का एक माध्यम बताते हुए विरोध में आ गए हैं । 


सीबीएसई स्कूल ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन ।


एसोसिएशन ऑफ अनऐडेड सीबीएसई स्कूल्स ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को ज्ञापन दिया है।  
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल धूपर का कहना है कि स्कूलों द्वारा फीस  माफ करना संभव नहीं है। स्कूलों की आय का जरिया सिर्फ फीस ही है। इसी फीस से स्टाफ को मिलने वाले वेतन से हजारों परिवारों का भरण पोषण होता है। शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ को पूरे साल वेतन देना पड़ता है। ऐसे में सरकार तीन महीने की फीस माफ करेगी तो इससे स्कूलों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा, जिससे आने वाले समय में लाखों शिक्षकों के रोजगार पर असर पड़ सकता है। उन्होंनें बताया कि इस कठिन समय में भी सभी स्कूल ऑनलाइन माध्यमों से बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं। सीबीएसई स्कूलों को सरकार की ओर से किसी भी प्रकार छूट नहीं मिलती है। स्कूल बंद होने की स्थिति में विभिन्न टैक्स चुकाने पड़ते हैं। इसके अलावा बहुत सारे खर्च हैं जो पूरे साल स्कूल इसी फीस के माध्यम से उठाते हैं।