मौत के बाद परिजन ने शव को नहलाया, पूरे विधि-विधान से किया अंतिम संस्कार
राजधानी में 8 अप्रैल को कोरोना मरीज जगन्नाथ मैथिल की मौत हुई थी। लेकिन, उनके कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट दो दिन बाद आई। इसी तरह पुराने शहर के इमरान नाम के शख्स की मौत 11 अप्रैल को हुई, इसकी रिपोर्ट 13 अप्रैल को आई। भोपाल के हमीदिया और एम्स अस्पताल में हुईं इन मौतों को डॉक्टरों ने सामान्य मौत मानकर शव परिजन को कपड़े में लपेट के सौंप दिए। मौत के दो दिन बाद आई रिपोर्ट में दोनों के कोरोनावायरस के संक्रमित होने की जानकारी मिली।
शवों को नहलाया फिर किया अंतिम संस्कार
जानकारी के अभाव में परिजन एम्बुलेंस से ऐसे ही शव को लेकर घर चले गए। जगन्नाथ मैथिल के शव से उनके कई परिजन लिपटकर रोए। इसमें बच्चे और बड़े भी शामिल थे। इसके बाद शव को घर के पुरुष सदस्यों और पड़ोसियों ने मिलकर स्नान कराया। शवयात्रा में भी करीब 30 लोग शामिल हुए। इमरान के शव को भी मुस्लिम धर्म के अनुसार पहले नहलाया (गुसल) गया। और परिजन ने नए कपड़े पहनाकर इत्र लगाया। इमरान की शवयात्रा में भी करीब तीस लोगों के शामिल होने की जानकारी मिल रही है। दोनों मृतकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन का अमला सक्रिय हुआ। इसके बाद अलग-अलग तारीखों में दोनों लोगों के आसपास के तीन किलोमीटर के क्षेत्र निषेध क्षेक्ष घोषित कर दिया गया है। परिवार सहित पड़ोसिंयों और शवयात्रा में शामिल हुए लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है।
लाश को छूने, चूमने या अंतिम संस्कार से पहले नहलाने पर रोक
मध्य प्रदेश में कोरोना के तेजी से फैलने के बाद सरकार अब कई सख्त कदम उठा रही है. उसने कोरोना से लोगों को बचाने के लिए एक ऐसा ही निर्णय लिया है. जिसमें अब कोरोना से मारे गए व्यक्ति की लाश को छूने, चूमने या अंतिम संस्कार से पहले नहलाने पर रोक लगा दी गयी है.सरकार ने किसी भी शव को जलाने और दफनाने को लेकर मानक तय कर दिए हैं. प्रदेश में कोरोना के चिंताजनक हालात और मौत का आंकड़ा बढ़ने पर सरकार ने शव को जलाने-दफनाने को लेकर मानक तय कर दिए हैं. अब कोरोना पेशेंट की मौत के बाद उसे छूने, चूमने और नहलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. परिवार के लोगों को लाश से दूरी बनाए रखनी होगी. इसके लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है.