कोरोनावायरस से संघर्ष में मध्य प्रदेश नवाचारों के मुरीद हुए मोदी

वीडियो कॉन्फ्रेंस मैं प्रदेश सरकार की जमकर तारीफ 


मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कोरोनावायरस के खिलाफ केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत  अनवरत कार्यक्रम जिनमें विशेष रूप से नवा चारों से जुड़े हुए कई कार्यक्रम रहे, मध्यप्रदेश में ही निर्मित पीपीई किट से लेकर अन्य प्रशासनिक एवं पुलिस से जुड़े हुए सामूहिक नेतृत्व कार्यक्रमों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश सरकार की जमकर तारीफ की।
वहीं दूसरी ओर इंदौर में हुई घटना को लेकर भी सख्त कार्रवाई के विषय में संकेत दिए।
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश सरकार मैं मंत्रिमंडल का गठन आज दिनांक तक नहीं हुआ है इसके बावजूद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बिना किसी मंत्रिमंडल के मात्र प्रशासनिक अधिकारियों की निर्भरता पर रहते हुए 24 घंटे में से 20 घंटे से अधिक समय तक कार्य कर रहे हैं, बेहद सुनियोजित तरीके से किए जा रहे हैं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कार्यक्रम एवं उनकी सफलता स्पष्ट दिखाई दे रही है, मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को कार्यक्रमों के विषय में जानकारी जब वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दी गई, चोरों ने प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों की जमकर प्रशंसा की।


 


प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में निर्मित पीपीई किट का प्रयोग सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में निर्मित पीपीई किट्स को भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला द्वारा मान्य किया गया है। इस सैम्पल के मान्य होने से अभी जहाँ दो हजार किट्स प्रतिदिन तैयार की जा रही है, उसकी संख्या दोगुनी की जा सकेगी। कोरोना से युद्ध में लड़ने वाले, नर्स, आशा कार्यकर्ता, उषा कार्यकर्ता, सफाई कर्मी, नगरीय निकायों के स्टाफ और पुलिस जवानों के लिए ये पीपीई किट्स बेहद उपयोगी होंगी। इसके अलावा मध्यप्रदेश में हैण्डमैड मास्क के प्रयोग और ग्रामीण अंचलों में 3 लेयर वाले गम्छे से भी वायरस से बचाव संभव है जिस उपयोग हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इन नवाचारों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से संवाद करते हुए कहा कि आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प और देश को बचाने की तड़प प्रेरक है। आपके द्वारा राज्यों को दिए गए मार्गदर्शन से कोरोना संक्रमण को रोकने में सहायता मिलेगी।


मुख्यमंत्री ने बताया कि चिकित्सकों की टीम लगातार कार्य कर रही है। जो व्यक्ति संक्रमण की बार्डर लाइन पर आए उनका मेडिकल चैकअप कर आइसोलेशन में रखा जाता है। संक्रमण की टेस्टिंग की प्रयोगशाला के माध्यम से व्यवस्था की गई है। एक अन्य लैब भी शुरू हो रही है जिससे राज्य में 480  टेस्टिंग केपीसिटी विकसित हो जाएगी। मुख्यमंत्री  ने इंदौर का उल्लेख करते हुए कहा कि वहाँ कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए डेडीकेटेड हास्पिटल की व्यवस्था है। ऐसी ही व्यवस्था भोपाल में ही है। अन्य संभागीय मुख्यालयों के लिए भी अस्पताल चिन्हित कर लिए गए हैं। राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहे है। आवश्यकतानुसार ड्रोन का उपयोग भी किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया है। आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध करवाने के लिए वाहनों को  अनुमति दी गई है। श्रमिकों को भोजन और रहवास के लिए हर जिले में मदद की गई है। 


वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग


मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि वैकल्पिक चिकित्सा के तौर पर मध्यप्रदेश में आयुष की दवा भी दी जा रही है। करीब 6 लाख लोगों को इसका डोज़ दिया जा चुका है। इसके साथ ही शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए 17 लाख 50 हजार लोगों को होम्योपैथी की दवा भी दी गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फसलों की कटाई और गेहूँ खरीदी के संबंध में की जा रही व्यवस्थाओं के संबंध में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी। स्वयंसेवी संगठनों, जनप्रतिनिधियों की कोर कमेटी भी तैयार की गई है। कोरोना से निपटने के लिए जन अभियान परिषद को सक्रिय किया जा रहा है। एनसीसी और एनएसएस के कार्यकर्ताओं के साथ ही ग्राम स्तर तक सेवाभावी व्यक्तियों के सहयोग से एक मजबूत तंत्र खड़ा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को विश्वास दिलाया कि इंदौर के साथ ही मध्यप्रदेश में जन सहयोग से कोरोना पर नियंत्रण में हम सफल हो जायेंगे।


क्वारेंटाइन की निरंतर कार्यवाही


मुख्यमंत्री  ने बताया कि तब्लीगी जमात में शामिल होकर मध्यप्रदेश लौटे व्यक्तियों को क्वारेंटाइन में रखने की कार्यवाही की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में 31 हजार व्यक्तियों को क्वारेंटाइन किया गया है। इनमें से 16 हजार की क्वारेंटाइन अवधि पूरी हो गई है। होटलों और मैरिज गार्डन को क्वारेंटाइन स्थल में तबदील किया गया है। चिन्हित लोगों को सर्विलेंस में दिया गया है। लॉकडाउन लागू होने के बाद लोगों की आवाजाही को रोका गया है। नागरिकों को अत्यावश्यक सेवाएं मिल रही हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है इसमें जनता का अच्छा सहयोग मिल रहा है। 


मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के पश्चात अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में चार स्तरों, राज्य, जिला, विकासखंड और थाना स्तर पर समुदायों के प्रमुख लोगों के साथ बैठकें भी आयोजित की जाएं। जिला स्तर पर क्रायसेस मैनेजमेंट टीम को सक्रिय किया जाए। इसमें स्वैच्छिक संगठन शामिल किए जाएं। उपचार के स्तर पर दबाव की आपूर्ति और जाँच की सुविधाएँ बढ़ाकर मध्यप्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण का ऐसा कार्य किया जाए जिससे मध्यप्रदेश इस संकट से उबरने के प्रयासों में मॉडल बने। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैंकों के साथ बैठक अयोजित करने, अनाज के लिए खरीदी केन्द्र बढ़ाने और विभिन्न वर्गों के हित में कार्य के लिए विभागों को समन्वय बढ़ाकर कार्य करने के निर्देश दिए।