मिनी मंत्रिमंडल , अब हुआ आधा ।


भोपाल । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भाजपा कैबिनेट में पहला मंत्रिमंडल आज दोपहर अथवा शाम तक शपथ ले सकता है , परंतु यह मंत्रिमंडल अब मिनी ना होकर, आधा मिनी रह जाएगा। अर्थात पूर्व में जब मिनी मंत्रिमंडल का गठन किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, तब मंत्रीमंडल 10 से 12 लोगों द्वारा शपथ ग्रहण का कार्यक्रम था , और अब यह मंत्रिमंडल लगभग 6 लोगों का रहेगा । 


पंचक कल तक , शपथ आज ।


जानकारी के अनुसार 4 दिवस पूर्व मंत्रिमंडल गठन को रोक दिया गया था  17 अप्रैल को होने वाले मंत्रिमंडल गठन को जब 21 अप्रैल तक बढ़ाया गया, बल्लभ भवन समाचार पत्र ने उपरोक्त खबर प्रकाशित की थी । भारतीय जनता पार्टी संगठन की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल गठन को 21 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला पंचकों के चलते किया गया था ।अर्थात पंचकों का प्रारंभ ही 17 अप्रैल से हुआ था, इसलिए मध्य पंचक अथवा पंचकों के अंतिम समय में शपथ ग्रहण को उचित माना गया था , कल 1:12 पर पंचक समाप्त हो रहे हैं ,और पंचकों के अंतिम प्रहर में शपथ ग्रहण को बुरा नहीं माना जाता । जानकारी के अनुसार आज दोपहर या शाम तक शपथ ली जा सकती है।


5 अथवा 6 की शपथ।


जानकारी के अनुसार दोपहर अथवा शाम को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में पांच अथवा छह  कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ले लेंगे। इनमें तीन कैबिनेट मंत्री भारतीय जनता पार्टी की ओर से वही दो या तीन कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से शपथ ग्रहण करेंगे, जानकारी के अनुसार ज्योतिराज सिंधिया की ओर से तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, एवं एक अन्य के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी की ओर से नरोत्तम मिश्रा , कमल पटेल और मीना सिंह शपथ ले सकते हैं । 


अगला मंत्रिमंडल मई प्रथम सप्ताह ।


भारतीय जनता पार्टी संगठन सूत्रों के अनुसार अगला मंत्रिमंडल जिसमें 28 से 30 संपूर्ण मंत्रिमंडल सदस्य संख्या के अनुसार ,शेष मंत्री मई के प्रथम सप्ताह अर्थात लॉक डाउन समाप्त होने के बाद शपथ लेंगे।


हाफ मिनी मंत्रिमंडल क्यों ? 


प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक तरफ जहां अकेले शपथ ग्रहण की गई ,वहीं दूसरी ओर आज लगभग 6 लोगों को शपथ दिलाई जाएगी इसका मुख्य कारण लॉक डाउन एवं कोरोनावायरस संक्रमण की मध्यप्रदेश में बढ़ती हुई भयावह स्थितिया है, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों का यही मानना है कि अगर एक साथ मंत्रिमंडल का गठन किया जाता तो सभी लोग काम पर लग जाते और स्टाफ से ले कर मंत्रियों के यहां जनता का आना-जाना प्रारंभ हो जाता, इस कारण मंत्रिमंडल के गठन में देरी की गई एवं इस गठन को दो भागों में विभाजित किया गया ।


मतभेद की चर्चाएं ,अफवाहें ।


मध्यप्रदेश में विगत 15 दिनों से लगातार चला आ रहा मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच मतभेद के मामले पूर्णता अफवाहें हैं , वास्तविकता यह है कि मध्य प्रदेश में पहली लड़ाई कोरोनावायरस संक्रमण एवं लोगों के बीच सुविधाएं ,सेवाएं पहुंचाने को लेकर है । प्रदेश के संगठन की ओर से इस तरह की अफवाहों पर जोर न देते हुए केवल प्रदेश के हक में प्रदेशवासियों की सेवाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई है । सावधानी,सुरक्षा के लिए ही मंत्रिमंडल दो चरणों में गठित किए जा रहा है।


संभवत कोई मुख्य उपमुख्यमंत्री नहीं ।


प्रशासनिक एवं राजनीतिक सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश में दो उप मुख्यमंत्रियों अथवा एक उप मुख्यमंत्री द्वारा शपथ ली जाने की चर्चाएं पिछले 15 दिनों से लगातार सामने आ रही थी, परंतु शीर्ष नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य नेताओं ने यह साफ कर दिया है कि प्रदेश में सत्ता के दो ध्रुव अथवा तीन ध्रुव होना भविष्य की दृष्टि से उचित नहीं है।इसलिए बताया जाता है कि अब प्रदेश में केवल मुख्यमंत्री ही रहेंगे कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा ।