प्रदेश में 3 मई के बाद भी जारी रहेगा. लॉकडाउन.।


भोपाल । संपूर्ण भारतवर्ष ही नहीं मध्यप्रदेश में भी कोरोना वायरस संक्रमण का कहर जिस तेजी से बढ़ता ही चला गया उसी कल्पना संभवत किसी ने भी नहीं की होगी , जब लॉक डाउन का प्रारंभ हुआ था, उस समय पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगभग 5% थी जो आज बढ़कर 10 गुना से अधिक पहुंच चुकी है । मध्य प्रदेश की नई संपूर्ण भारतवर्ष में लगातार बढ़ते हुए पॉजिटिव मरीजों की संख्या एवं संक्रमण के पेशेंट  का नए तरीके से संक्रमित होना, गहरी चिंता का विषय बनता जा रहा है . अब जबकि लोक डाउन के दूसरे फेस में संपूर्ण भारतवर्ष में टेस्टिंग का प्रतिशत दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, तो ऐसी स्थिति में पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी सामने आती जा रही है . 


कर्मचारियों का बड़ा समूह संक्रमण की चपेट में । 


प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 7 दिनों के अंदर पॉजिटिव  मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने का कारण है कि प्रदेश में विशेष रूप से इंदौर एवं भोपाल में टेस्टों की संख्या लगातार बढ़ी है , 24 घंटे के अंतराल में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही मध्य प्रदेश का पुलिस मुख्यालय एवं अन्य मुख्यालय सहित डॉक्टर नर्स पुलिसकर्मी सहित अन्य कई लोग जो ड्यूटी में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे , ऐसे कर्मचारियों का बड़ा समूह इस संक्रमण की चपेट में आ चुका है । 


इंदौर, भोपाल, उज्जैन सहित 2 जिले होंगे लगातार लोग डाउन । मुख्यमंत्री ने दिए संकेत ।


प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल रात को मीडिया से हुई बातचीत में कहा की मध्य प्रदेश के आधे से अधिक जिले इस वायरस के संक्रमण से अब लगभग बाहर निकल चुके हैं परंतु हमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना है । दूसरी और भोपाल इंदौर उज्जैन सहित खरगोन एवं अन्य प्रभावित जिलों के बारे में बातचीत करने पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि इन संभागों अथवा जिलों में लॉक डाउन 3 मई के बाद और भी बढ़ाया जा सकता है । मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मी के साथ स्पष्ट एवं खुलकर कहते हुए इस बात का समर्थन किया कि समाज का हर वर्ग अपने आप को जागृत एवं सशक्त रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है , परंतु जिस जगह स्थितियां गंभीर है उस जगह पर लोग दाग हटाने का मतलब खतरा मोल लेना है इसलिए लॉक डाउन इन जिलों में 3 मई के बाद भी बढ़ाया जाएगा ।


निजी चिकित्सालय न खुले, तो उसका लाइसेंस निरस्त करें।


कोरोना संकट के दौरान निजी अस्पतालों को बंद करना संचालकों को महंगा पड़ सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई निजी चिकित्सालय न खुले, तो उसका लाइसेंस निरस्त करें।मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेंस ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना की समीक्षा के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कलेक्टरों को कहा कि वे एक टीम बनाकर निजी अस्पतालों की जांच कराएं। जिन व्यक्तियों के कोरोना टेस्ट के सैंपल लिए गए हैं, वे कहीं न जाएं, वरना कार्रवाई होगी।