प्रतिदिन सड़क हादसा/ कोरोना वायरस मौत , 800 से अधिक जिंदगीया बच रही है ।

 



 


 


 


दुखद है परंतु हकीकत, 


इस तथ्य  को लिखने में और समझने में वर्तमान इस महामारी के परिवेश में बड़ा अजीब गरीब लगता है, परंतु यही हकीकत है, वर्तमान महामारी के चलते आज दिनांक में भारतवर्ष में हुई मौतों का आंकड़ा अगर देखा जाए तो निश्चित रूप से स्पष्ट हो जाएगा, कि प्रतिदिन हिंदुस्तान में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की तुलना में यह आंकड़ा बहुत छोटा है।


एक राष्ट्रीय स्तर पर हुए सर्वेक्षण के अनुसार हिंदुस्तान में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का आंकड़ा 1000 से ऊपर है, अब यह दुर्घटना के ऊपर निर्भर करता है कि  सड़क मार्ग पर दुर्घटना समतल स्तर पर है अथवा पहाड़ी, उपरोक्त स्थिति में यह आंकड़ा दोगुना भी हो सकता है।


विगत 25 वर्षों का नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए आंकड़े के अनुमान से प्रतिदिन सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का विश्लेषण किए जाए तो यह मौत 1000 के लगभग अप्रत्याशित रूप से सामने आती है, वहीं दूसरी ओर इन मौतों को जाने अनजाने में अथवा सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते आंकड़े को आधा माना जाता है अर्थात प्रतिदिन 500 के अंदर मौत, 


 हिंदुस्तान में सड़क दुर्घटनाओं में शासकीय आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन मौतों का आंकड़ा 500 है वहीं दूसरी ओर अनौपचारिक आंकड़ा एक हजार के ऊपर, अगर इन दोनों आंकड़ों का विश्लेषण भी निकाल ले तो निश्चित रूप से वर्तमान में जो महामारी कोरोनावायरस के चलते मौतें हो रही हैं वह मौतें  सड़क दुर्घटनाओं के मुकाबले आधी भी नहीं है।


दुखद परंतु यही यथार्थ है की पिछले 20 दिनों के अंतराल में जब से संपूर्ण हिंदुस्तान में लॉक डाउन को कठोरता के साथ पालन किया गया है उसी अंतराल के दौरान अगर सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा देखा जाए तो उसमें 98% की कमी आई है, अर्थात कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली मौतों की तुलना में यह प्रतिशत मात्र 7.5 होता है


लड़ाई अभी जारी है ।



  कोरोना वायरस के खिलाफ देश में सबसे बड़ी लड़ाई जारी है ,और लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। यह लॉकडाउन का ही असर है कि भारत में सड़क हादसों की संख्या घट गई है औ इनके कारण मरनों वालों की संख्या में भी कमी आई है। भारत में रोजाना 1,279 सड़क हादसे नहीं होने से 414 लोगों की जान बच रही है। विश्व स्तर पर भी सड़क दुर्घटनाओं में हर रोज मरने वाले 3,700 लोग बच रहे हैं। सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय का आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 4.5 लाख से अधिक सड़क हादसों में तकरीबन 1.5 लोग मारे जाते हैं। साल 2018 में 4,67,044 सड़क दुर्घटनाओं में 1,51,417 लोगों ने अपनी जान गंवाई। हर दिन के आधार पर यह आंकड़ा 1,279 सड़क हादसों और 414 मौतों का बनता है।


विश्व स्तर पर अनुमान 


इसी प्रकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट कहती है कि पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में सालाना तकरीबन 13.5 लाख मौतों के हिसाब से हर रोज 3,700 लोगों की मृत्यु होती है।


Coronavirus से कई गुना घातक हैं सड़क हादसे :- 
खास बात यह है कि सड़क हादसों की तुलना में Cornavirus से होने वाली मौतों के आंकड़े अभी भी बहुत कम हैं। भारत में 9 मार्च से लेकर 10 अप्रैल तक कुल मिलाकर 239 लोगों की Cornavirus से मौत हुई है। यानी हर रोज 8 से भी कम मौत। यह आंकड़ा सड़क हादसों में होने वाली दैनिक मौतों का महज 51वां हिस्सा है।


विश्व स्तर पर भी देखें तो Cornavirus से होने वाली मौतें सड़क हादसों के मुकाबले कम हैं। डब्ल्यूएचओ कहताहै, पूरी दुनिया में 11 अप्रैल की सुबह तक Cornavirus से कुल 92,941 मौतें हुई थीं। 11 जनवरी को चीन में Cornavirusसे हुई पहली घोषित मौत के बाद अब तक के 3 महीनो में हुई उक्त मौतों के हिसाब से Cornavirus से होने वाली दैनिक मौतों का आंकड़ा 1032 है जो सड़क हादसों से होने वाली दैनिक 3700 मौतों के मुकाबले एक तिहाई से भी कम है।