रतलाम से गायब सब इंजीनियर का पता नहीं , ग्वालियर प्रशासन की तलाश जारी ।


                                     बल्लभ भवन ने 9 अप्रैल को उठाया था मामला ।


भोपाल । मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण की लड़ाई में एक तरफ जा मध्य प्रदेश का संपूर्ण प्रशासन विशेष रुप से कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सहित स्वास्थ्य विभाग ,एवं पुलिसकर्मी अन्य प्रशासनिक कर्मी अपनी जान हथेली पर रखते हुए सेवा कार्य में लगे हुए हैं ,वहीं दूसरी ओर प्रशासन के कुछ ऐसे भी अधिकारी एवं कर्मचारी हैं जो अपने कर्तव्य से विमुख ही नहीं हुए .. गायब ही हो गए । 9 अप्रैल को बल्लभ भवन समाचार पत्र ने इस मामले को उठाया था । 


संत कृपाल सिंह के आश्रम में जा छुपे थे ।


 मामले के अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग जिला रतलाम में पदस्थ सब इंजीनियर बृजेश सिंह कुशवाहा पिछले 20 दिनों से लगातार रतलाम से अपने कार्यालय से गायब बताए गए हैं , समाचार पत्र को जो पुख्ता जानकारी प्राप्त हुई उसके आधार पर ग्वालियर के सिंचाई कॉलोनी में रहने वाले बृजेश सिंह कुशवाह रतलाम में पदस्थ रहते हुए अपने निजी निवास ग्वालियर पहुंच गए और नौकरी बचाने के चक्कर में संत कृपाल सिंह के आश्रम में जा छुपे थे ।इस मामले में जब बल्लभ भवन समाचार पत्र समाचार प्रकाशित किया तो मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए संभागीय आयुक्त एमबी ओझा ने मामले की जांच कलेक्टर ग्वालियर को दी ।


संत कृपाल सिंह के आश्रम से हुए गायब ।


 समाचार पत्र में समाचार प्रकाशन के बाद कलेक्टर ग्वालियर द्वारा सब इंजीनियर  सुधीर सिंह कुशवाहा की खोज में प्रशासन की एक टीम पुलिस के साथ दो-तीन बार संत कृपाल सिंह आश्रम पहुंची, परंतु सुधीर सिंह कुशवाहा संत कृपाल सिंह आश्रम से भी फरार हो चुके थे , इस मामले में जानकारी देते हुए आज कलेक्टर ग्वालियर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया की उपरोक्त व्यक्ति कई बार आश्रम में जानकारी लेने के बाद भी प्राप्त नहीं हुआ । जिसकी सूचना संबंधित विभाग को एवं संभागीय आयुक्त महोदय को दे दी गई । आगे इस मामले में क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि हम लोग संक्रमण के कारण अत्यधिक व्यस्त हैं ,  शासकीय कर्मचारी के इस तरह गायब होने के विषय में कलेक्टर ग्वालियर ने कहा ऐसे कर्मचारी को तुरंत प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर देना चाहिए।


आज दिनांक तक नहीं पहुंचे रतलाम ।


सुधीर सिंह कुशवाह सब इंजीनियर आदिम जाति कल्याण विभाग रतलाम जिनकी खोज में ग्वालियर का संपूर्ण प्रशासन 3 दिनों तक परेशान होता रहा, संबंधित व्यक्ति आखिर कहां गया , इसकी जानकारी किसी को नहीं । रतलाम आदिम जाति कल्याण विभाग में संबंधित व्यक्ति की उपस्थिति आज दिनांक तक नहीं है , इसकी जानकारी भोपाल कार्यालय द्वारा प्राप्त की जाती है । निश्चित रूप से यह चौंकाने वाला विषय है कि एक तरफ जहां प्रदेश में एस्मा कानून लागू है वहीं दूसरी ओर एक कर्मचारी लगभग 1 महीने से अपने विभाग में पदस्थ होते हुए भी वहां से गायब है, और स्थानीय रखना प्रशासन को उसके विषय में कोई भी जानकारी नहीं है , वहीं दूसरी ओर ग्वालियर प्रशासन कई दिनों तक इस व्यक्ति की तलाश में परेशान रहा ।