शाम तक , मुख्यमंत्री कर सकते हैं -लॉक डाउन बढ़ाने का ऐलान


मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे लॉक डाउन की अवधि  समाप्ति  के करीब आती जा रही है, वैसे वैसे संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, रविवार तक  संक्रमित लोगों की संख्या 600 के लगभग पहुंच चुकी है वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में 40 से अधिक लोगों की रविवार तक मौत हो चुकी है, सबसे अधिक मोटे मध्यप्रदेश के इंदौर में हुई है,


भारतवर्ष का आंकड़ा देखें तो उसमें भी कोई कमी नजर नहीं आती है, ऐसी स्थिति में  महामारी से निपटने के लिए लॉक डाउन की अवधि को बढ़ाने के अलावा कोई स्थितियां सामने दिखाई नहीं देती , इस संबंध में प्रधानमंत्री के साथ हुई देशभर के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी लगभग तय हो चुका है कि लोग राम की अवधि 15 दिन या उससे अधिक समय तक और बढ़ाई जा सकती है, इसके अतिरिक्त संपूर्ण भारतवर्ष के चार प्रदेशों में लोग नाम की अवधि को प्रदेश के मुख्यमंत्रियों द्वारा बढ़ाया भी जा चुका है। ऐसी परिस्थिति मध्यप्रदेश में भी आने वाले समय में  महामारी को लेकर और खतरनाक ना हो सके इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अप्रत्यक्ष रूप से सभी प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को अपने स्तर पर फ्री हैंड छोड़ दिया है जानकारी के अनुसार अब सब प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने अपने क्षेत्र अनुसार लोग नाम की अवधि को बड़ा और घटा सकते हैं ।


देर शाम तक मुख्यमंत्री करेंगे ऐलान ।


लॉक डाउन की अवधि 15 दिन से अधिक बढ़ाई जाए, अथवा 21 दिन की जाए इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक हो चुकी है, इसके अतिरिक्त अब प्रधानमंत्री के अप्रत्यक्ष रूप से दिए गए निर्देशों के पालन में नई रणनीति पर विचार देर शाम तक कर लिया जाएगा, मुख्यमंत्री कार्यालय भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब प्रदेश के मुख्यमंत्री लॉक डाउन को सीलिंग की कार्रवाई से जोड़ते हुए प्रथक प्रथक कार्यवाही करने के विचार में हैं, जिसमें लोग दाम बढ़ाते हुए कुछ सामान्य छूट जनता सहित देवेंद्र क्षेत्रों को दी जा सकती है। जानकारी के अनुसार जिन क्षेत्रों में कोरोनावायरस का संक्रमण अभी तक नहीं फैला है अथवा कोई भी शिकायत नहीं आई है उसे कोरोना फ्री कर दिया जाएगा, वहीं दूसरी ओर जिन हॉटस्पॉट को को तैयार किया गया है उनमें सीलिंग की कार्रवाई यथावत तब तक रहेगी जब तक पूर्ण कहा खतरा नहीं टल जाता ।कुल मिलाकर  अवधि 15 से 20 दिन बढ़ाए जाने की स्थितियां प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश कार्यालय द्वारा अप्रत्यक्ष सूत्रों के क्रम में दी जा रही है ।