सिंधिया का मजाक बनाना , रणनीति या बेवकूफी । दिशाहीन रणनीति की शिकार कांग्रेस ।

 



भोपाल । ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से भारतीय जनता पार्टी में पहुंचे हैं ,तब से हर छोटे से छोटे विषय पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का मजाक उड़ाना जैसे प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं के लिए नंबर बढ़ाने का मौका दिखाई देता है , विषय किसी भी स्तर का हो अथवा ना हो , तर्क हो अथवा ना हो ,परंतु कांग्रेश के कुछ नेताओं के लिए कुतर्क करते हुए सरेआम सोशल मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखा जा सकता है , अभी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लिखे हुए 2 महीने भी पूरे नहीं हुए, राज्य सभा का निर्वाचन हो अथवा मंत्रिमंडल का गठन, दोनों ही मामले कोरोनावायरस संक्रमण के चलते लॉक डाउन की स्थिति में लंबित हैं , परंतु कुल मिलाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार एक तरफ सामाजिक गतिविधियों में संलग्न दिखाई देते हैं ,वहीं दूसरी ओर संपूर्ण कांग्रेश समय-समय पर उनके विरोध में उन पर चुटकी लेती हुई हास्यास्पद स्थिति में दिखाई देती है ।


विषय में दम हो या ना हो, मजाक उड़ाना है ।


पिछले 1 महीने के अंतराल में लगातार यह देखने में आया है की ज्योतिरादित्य सिंधिया से संबंधित कोई भी विषय होता है, अथवा कोई भी चर्चा संगठन अथवा पार्टी स्तर पर चर्चा चलती है , तुरंत प्रभाव से कांग्रेस से जुड़े हुए युवा नेता कुतर्कों की तलवार लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बार प्रति वार करना शुरू कर देते हैं । विगत दिनों मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाने का मामला हो, अथवा मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर रणनीति में कोई कमी , कुल मिलाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया का अपमान एवं उनके विरुद्ध टिप्पणियां कांग्रेस की तरफ से लगातार जारी हो जाती हैं , पिछले दिनों मंत्रिमंडल गठन में जब सिंधिया समर्थक दो लोगों को मंत्री बनाया गया तो कांग्रेस में ऐसा लगा जैसे कोई हमले के लिए ब्रह्मास्त्र मिल गया , कांग्रेश के छोटे और युवा नेता सहित पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ,ज्योतिरादित्य सिंधिया का मजाक उड़ाने में लग गए ।


मंत्रिमंडल गठन को लेकर भी जमकर उड़ाया था मजाक ।


मिनी से मिनी मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कमलनाथ ने जमकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के ऊपर प्रहार किया ,और उनका मजाक उड़ाया I वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मिनी मंत्रिमंडल के गठन को कोरोनावायरस संक्रमण से जोड़ते हुए आगामी गठन की चर्चा कर इस मामले को समाप्त कर दिया । वहीं दूसरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया इस तरह के मामले में अभी तक खामोशी ओढ़े हुए हैं , राजनीति में इसे गंभीरता भी कहा जा सकता है । जो इस समय कांग्रेस की रणनीति से पूर्णता दूर दिखाई देती है ।


दिशाहीन दिखाई देती है कांग्रेश की रणनीति ।


भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से तर्क वितर्क करने का मामला हो अथवा पूर्व में जिस तरह कांग्रेस का विखंडन हुआ, उसके लिए सीधे-सीधे दोष देने का विषय हो , कुल मिलाकर कांग्रेस की रणनीति पिछले 4 माह से मध्य प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी पूर्ण तहा दिशा हीनता के दौर से गुजर रही है । निश्चित रूप से अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की रणनीति सफल होती तो प्रदेश की सरकार आज कांग्रेस की सरकार होती । पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित अन्य कांग्रेस के नेताओं ने सरकार जाने के बाद भी सबक नहीं लिया और आज भी कांग्रेश की रणनीति पूर्ण तहा बेवकूफी और मूर्खता से भरी हुई दिखाई देती है , कुल मिलाकर आने वाला भविष्य कांग्रेश के लिए कष्टकारी ही रहेगा।


किसान हित में चर्चा की ,तो भी मजाक बनाया ।


आज ज्योतिराज सिंधिया ने प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल की और एक पत्र प्रस्तुत करते हुए उनसे किसानों के हित में एक मांग की जिसमें कहा गया कि मध्यप्रदेश में सरसों एवं चने की पैदावार बहुत अधिक हुई है , इसके कारण जो मध्य प्रदेश शासन ने प्रति रकबा 14 से 15 कुंटल रखा है , उसे बढ़ाकर 20 कुंटल किया जाए , उपरोक्त पत्र बेहद सादगी एवं सम्मान के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमल पटेल की ओर प्रस्तुत किया । किसान हित से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण विषय था , एवं जनहित से जुड़ा हुआ विषय होने के कारण  सिंधिया की इस मांग का जनता ने भी स्वागत किया । इसे सामाजिक सरोकार की राजनीति भी कहा जा सकता है । परंतु ऐसे भावनात्मक एवं किसान से जुड़े हुए विषय पर भी कांग्रेश के नेताओं ने आज दिनभर ज्योतिरादित्य सिंधिया का भरपूर मजाक उड़ाया । कुल मिलाकर दिशा हीनता एवं मूर्खता से भरी हुई रणनीति दिन प्रतिदिन जनता के बीच कांग्रेश को हास्यास्पद बनाती जा रही है ।