अगर ऐसा हुआ ,तो हिंदुस्तान का पहला राज्य होगा मध्य प्रदेश ।
दो दिवस के अंदर निर्णय आ सकता है । मामला विचाराधीन।
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एक तरफ जहां जिस तीव्रता के साथ एवं दृढ़ संकल्प को साथ लेते हुए प्रदेश भर में एक साथ उपार्जन के क्षेत्र में तेजी से काम की जा रहा है , वहीं दूसरी और कुछ ऐतिहासिक मानवीय संकल्प एवं फैसले भी सामने आ रहे हैं । संक्रमण के दौरान जो स्थिति मध्यप्रदेश में बनी हुई है, इस दौर में भी उपार्जन के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन सुधार होते हुए खरीदी का काम ग्रामीण एवं तहसील स्तर तक बदस्तूर जारी है , वहीं दूसरी ओर सबसे निचले एवं मजदूर स्तर तक उपार्जन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक अर्थात हम्मालो के विषय में राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है , जो अपने आप में भारतवर्ष में पहला निर्णय राज्य स्तर पर मध्य प्रदेश का होगा । अर्थात मध्य प्रदेश सरकार उपार्जन के क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर अर्थात हम्मालो को 50 लाख का बीमा देने के संबंध में शीघ्र ही निर्णय लेगी ।
खाद्य मंत्री राजपूत ने की समीक्षा, बताया, विचाराधीन निर्णय ।
खाद्य एवं सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश में आज खाद्यान्न वितरण एवं रवि उपार्जन के मामलों की समीक्षा की एवं समीक्षा के दौरान उन्होंने इस विषय में जानकारी देते हुए कहा कि सहकारी बैंकों के तलाई हम बालों को ₹50 लाख के बीमा कवर कर दिया जाना विचाराधीन है जिस पर कभी भी निर्णय आ सकता है ।
खाद्य एवं सहकारिता मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने प्रदेश में खाद्यान वितरण एवं रबी उपार्जन की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 4244 केन्द्रों पर किसानों से रबी फसलों की खरीदी की जा रही है। कल शाम तक 6 लाख 57 हजार 201 मीट्रिक टन उपज की खरीदी की गई।
उपज परिवहन की गति को तेज किया जाएगा
बताया गया कि प्रदेश में अब तक 10 लाख 93 हजार 420 मी. टन खाद्यान की खरीदी की गई है। इसमें से मार्केटिंग फेडरेशन के द्वारा 3 लाख 80 हजार 189 मी. टन और नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 7 लाख 13 हजार 231 मी. टन खाद्यान क्रय किया गया है। अब तक 10 लाख 19 हजार 420 मी. टन खाद्यान की खरीदी हो गई है।राजपूत ने कहा कि रबी उपार्जन कार्य में लगे सहकारी संस्थाओं, खाद्य विभाग,नागरिक आपूर्ति निगम, सहकारिता विभाग और सहकारी बैंक के तुलाई हम्मालों को भी कोरोना वारियर्स की तरह 50 लाख रूपये के बीमा कवर का दिलाया जाना विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि उपज परिवहन की गति को तेज किया जाएगा, जिससे उपार्जन केन्द्रों में स्टाफ अनावश्यक ना बैठे। श्री राजपूत ने कहा कि यह भी प्रयास किया जाएगा कि खरीदी के समय दोबारा अनाज की तुलाई से बचने के लिए भंडारण केन्द्र पर व्यापारी भी एक ही स्थान पर उपस्थित रहें।
भोजन वितरण व्यवस्था
बैठक में बताया गया कि भोजन राहत हेल्प लाईन में कुल प्राप्त 88 हजार 971 आवेदनों में से 81 340 आवेदन निराकृत किए गए। शेष आवेदनों का निराकरण प्रचलन में है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, गुना, मुरैना, धार, छिंदवाडा, रीवा, जबलपुर आरैर सागर में सर्वाधिक आवेदन भोजन व्यवस्था के लिए प्राप्त हुए। प्रदेश में हेल्प लाईन के माध्यम से 180 एनजीओ कार्यरत हैं। इनके साथ 117 एनजीओ फूड पैकेट वितरण का कार्य भी कर रहे हैं।