भोपाल कार्यालय से निशीकांत दुबे की रिपोर्ट ।
भोपाल कार्यालय । मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लगातार लोक डाउन के कारण फंसे हुए मजदूरों सहित छात्रों को प्रदेश में वापस लाने की लगातार कोशिश के बाद अब मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेश में फंसे हुए 600 कश्मीरियों को कश्मीर पहुंचाने की इजाजत केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा प्राप्त हो चुकी है । अर्थात अब ईद के पहले पहले मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेश में फंसे हुए 600 कश्मीरी छात्र जो अलग-अलग जिलों में लॉक डाउन के कारण फंस गए हैं , सभी छात्र कश्मीर अपने घर पहुंचकर ईद मना सकेंगे । परंतु जिस तरीके से इन कश्मीरी छात्रों को केंद्र सरकार गृह मंत्रालय द्वारा अनुमति प्रदान की गई उस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी अब असमंजस में उलझी नजर आ रही है ।
दिग्विजय सिंह के लिखे पत्र पर मिली अनुमति ।
इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 15 दिन पूर्व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में फंसे हुए लगभग 600 कश्मीरी छात्रों को कश्मीर वापस भेजने के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा था , इस पत्र के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिग्विजय सिंह के पत्र के आधार पर 600 कश्मीरी छात्रों को जो मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में भी फंसे हुए हैं उन्हें वापस कश्मीर पहुंचाने की इजाजत अलग-अलग प्रदेशों को एवं सरकारों को प्राप्त हो चुकी है । इस प्रकार कश्मीरी छात्रों को जो भारतवर्ष के अलग-अलग हिस्सों में एवं मध्य प्रदेश में फंसे हुए हैं, उनको कश्मीर भेजने के विषय में अपने आप को राजनीतिक लाभ की दृष्टि से दिग्विजय सिंह ने बड़ी सफलता प्राप्त कर ली है ।
दिग्गी राजा झूठों के सरदार । प्राप्त परमिशन,पत्र लिखने के 3 दिन पहले ही हो चुकी है । भाजपा।
देर शाम तक जैसे ही इस विषय की जानकारी मीडिया के माध्यम से दिग्विजय सिंह की तरफ से तारीफ के क्रम में सामने आई वैसे ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इस मामले की जानकारी प्राप्त हो चुकी थी। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए बल्लभ भवन समाचार पत्र ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर से चर्चा कर प्रश्न पूछा तो उनका कहना था की केंद्र एवं मध्य प्रदेश सरकार ने मानवता एवं मानवीयता के आधार पर कदम उठाए हैं, धर्म जाति विशेष पर दिग्विजय सिंह की राजनीति टिकी हुई है , भारतीय जनता पार्टी की नहीं । लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि दिग्विजय सिंह झूठों के सरदार है , केंद्र सरकार द्वारा जो निर्णय कश्मीरी छात्रों के विषय में लिया गया है ,वह दिग्विजय सिंह जी द्वारा लिखे गए पत्र के 3 दिन पहले का है , अर्थात दिग्विजय सिंह जी ने जो पत्र लिखा उसके 3 दिन पहले ही अनुमति प्राप्त हो चुकी थी । इस तरह के मानवीय मामलों पर दिग्विजय सिंह की हमेशा आदत रही है कि वह देश हित के विषय में ना सोचते हुए धर्म विशेष के हित में सोचते रहे हैं ।