बल्लभ भवन की विशेष रिपोर्ट ।
भोपाल । भारतवर्ष में जबसे लॉकडाउन लागू हुआ है, तब से लोक डाउन के चलते पारिवारिक समस्याओं, भुखमरी ,बेरोजगारी एवं आर्थिक परेशानियां ,घरेलू विवाद ,मानसिक अवसाद आदि के चलते राष्ट्रीय स्तर पर लगभग मामले 3 दर्जन से अधिक सामने आ चुके हैं । इन मामलों में 3 दर्जन से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है अथवा हत्या के मामले हुए हैं । वहीं दूसरी और आत्महत्या और हत्या के मामलों से जुड़े हुए कुछ ऐसे भी मामले हैं जो डिप्रेशन की स्थितियों में सामने आए । मध्यप्रदेश में ऐसे मामले पिछले 1 महीने में लगभग 7,8 आ चुके हैं ।
परंतु पिछले 48 घंटे केेे अंतराल में प्रदेश के अलग-अलग शहरों में लॉक डाउन ,कोरोनावायरस संक्रमण के चलते तीन आत्महत्याओं सहित एक हत्या का मामला सामने आया है । यह सभी मामले लॉक डाउन ,कोरोनावायरस से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं ।
अपनों का बहता खून अपने, झूले फांसी पर ।
मध्य प्रदेश में पिछले 48 घंटे के अंतराल में अलग-अलग शहरों में कोरोनावायरस संक्रमण से मानसिक तनाव के चलते अथवा बेरोजगारी और भुखमरी के कारण डिप्रेशन की स्थिति में आने के कारण अलग-अलग तीन शहरों में तीन लोगों ने आत्महत्या की , वहीं दूसरी ओर एक पिता ने अपने बेटे को ही संक्रमण के चलते बात नहीं मानने की स्थिति में मार डाला । तीन आत्महत्याओं के मामले एवं एक हत्या के मामले ने प्रदेश में यह सोचने को मजबूर कर दिया है कि एक तरफ जहां इस संक्रमण के दौरान लगातार मौतें हो रही हैं वहीं दूसरी और लोग डिप्रेशन की स्थिति में अथवा तनाव के चलते अपनों का ही खून बहा रहे हैं, एवं लोग आत्महत्या कर रहे हैं ।
संक्रमण को लेकर पिता ने की बेटे की हत्या ।
यहां गढ़ी थाना अंतर्गत कुगांव गांव में बीते 1 मई को क्वारैंटाइन सेंटर से लौटे बेटे को पिता ने घर में घुसने से मना कर दिया। इसी बात को लेकर दोनो के बीच विवाद हुआ। इसमें पिता ने डंडे से हमला कर बेटे की हत्या कर दी। मामले में गढ़ी पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया। बताया गया कि पिता को बेटे के क्वारैंटाइन में रहकर आने की जानकारी बाद में पता चली। वह गांववालों की सहमति चाहता था।
औरंगाबाद महाराष्ट्र से लौटा था बेटा ।
जानकारी के अनुसार, कुगांव निवासी टेकचंद पंचतिलक पिछले दिनाें औरंगाबाद से लौटा था। उसे क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया। इसके बाद 1 मई को वह अपने कुगांव पहुंचा। यहां पिता भीमा पंचतिलक ने कोरोनावायरस के डर से बाहर से लौटे बेटे टेकचंद को घर में प्रवेश करने से इनकार कर दिया। पिता का कहना था कि पहले वह गांव वालों से सहमति लेगा। इसके बाद निर्णय लेगा। इस पर बेटा बिगड़ गया और दोनों में विवाद हो गया। इस दौरान बेटे टेकचंद ने मवेशियों को बांधने के लिए रखे खूंटे से पिता भीमा पर हमले की कोशिश की। किसी तरह बचे पिता ने उसके हाथ से बांस का खूंटा छीना और बेटे टेकचंद पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
ग्वालियर श्योपुर एवं इंदौर में आत्महत्या ।
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मानसिक तनाव एवं पारिवारिक विवादों के चलते अथवा डिप्रेशन की स्थिति में एक संवेदनशील मामला ग्वालियर से जुड़ा हुआ सामने आया जिसमें वायु सेना का एक कर्मचारी जिसका नाम दिलीप उम्र 26 वर्ष निवासी हरियाणा बताया जाता है , पिछले कई दिनों से युवक होम क्वॉरेंटाइन में था , और डिप्रेशन की स्थिति के कारण उसने आत्महत्या करते हुए आत्महत्या का कारण प्रशासन की लापरवाही बताया । सुसाइड नोट मैं लिखे हुए कारणों में उसने प्रशासन को दोषी बताते हुए अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार स्थानीय प्रशासन बताया । स्थानीय प्रशासन कोरोनावायरस रिपोर्ट लेने हेतु जांच करने उसके पास में भी नहीं पहुंचा उसने लगातार प्रयास किए कि उसकी सैंपल ले ली जाए परंतु उसका सैंपल नहीं लिया गया जिसके कारण लगातार घर में रहे रहा था और अत्यधिक मानसिक रूप से परेशान हो चुका था । वहीं दूसरी ओर 24 घंटे के अंतराल में शिवपुर अंतर्गत एक मजदूर उम्र 30 वर्ष नाम दिलीप सिंह आर्थिक रूप से परेशान होने के कारण देर रात को फांसी के फंदे पर झूल गया । इंदौर में भी पारिवारिक बाद का एक ऐसा ही मामला लॉक डाउन की स्थिति के कारण पारिवारिक तनाव के चलते इतना अधिक बढ़ गया कि चंदन नगर थाना इंदौर में 31 वर्षीय महिला ने आत्महत्या कर ली । जानकारी के अनुसार ये सभी मामले सीधे-सीधे कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान लॉक डाउन की स्थिति से जुड़े हुए बताए गए हैं ।
क्या कहते हैं-- एक्सपर्ट ,डॉक्टर एवं मानसिक चिकित्सक ।
पिछले 24 घंटे के अंतराल में मध्यप्रदेश में जिस तरह आत्महत्या एवं हत्या के मामले कोरोनावायरस संक्रमण के चलते लोक अदाओं की स्थितियों में सामने आए हैं , ऐसे मामले आने वाली स्थितियों में और भी बढ़ सकते हैं । इन मामलों को लेकर बल्लभ भवन समाचार पत्र ने डॉक्टर अनिल नायक से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह स्थितियां आर्थिक कारणों की अतिरिक्त अगर पारिवारिक विवाद एवं मानसिक स्थिति अर्थात डिप्रेशन की स्थिति से जुड़ी हुई हो तो उसमें विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है । मानसिक तनाव से बचने के लिए लगातार योगा एवं अन्य माध्यम के साथ-साथ अनावश्यक तनाव ना लिया जाए , पारिवारिक स्तर पर संयम एवं समझदारी की आवश्यकता ही ऐसी स्थितियों को कंट्रोल कर सकती हैं ।