अपंजीकृत डॉग ब्रीडिंग सेंटर और पेट शॉप के विरूद्ध होगी कार्यवाही ।
भोपाल कार्यालय ।ब्रेकिंग।
आज मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण काल के दौरान सामने आ रही महामारी के बीच एक और निर्णय लेकर पशु प्रेमियों को चिंता में डाल दिया है । क्योंकि अगर अब अवैध रूप से विक्रय किए जा रहे कुत्तों को खरीदा अथवा बेचा जाएगा , अथवा अपंजीकृत दुकानों से कुत्तों की खरीदी की जाएगी अथवा उनकी ब्रीडिंग कराई जाएगी तो मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा कायम करते हुए सामने वाले को जेल हो सकती है । जानकारी के अनुसार आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत इस धारा के उल्लेख की बात सामने आती है । जिसका उपयोग अब मध्यप्रदेश शासन करेगी ।
पशुपालन विभाग का संयुक्त दल करेगा कार्यवाही । प्रमुख सचिव का आदेश ।
अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया ने सभी कलेक्टर्स एवं अध्यक्ष जिला पशु क्रूरता निवारण समिति को अपंजीकृत डॉग ब्रीडिंग सेंटर और पेट शॉप खोलने की अनुमति न देने के निर्देश दिए हैं। श्री कंसोटिया ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद अपंजीकृत डॉग ब्रीडिंग सेंटर और पेट शॉप के विरूद्ध पुलिस प्रशासन एवं पशुपालन विभाग का संयुक्त जाँच दल कानूनी कार्यवाही करे। यदि अपंजीकृत केन्द्र संचालित पाये जाते हैं तो उनके विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्यवाही करें।
भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड प्रभावशील ।
उल्लेखनीय है कि सचिव भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड बल्लभगढ़ ने प्रदेशों को अपंजीकृत डॉग ब्रीडिंग सेंटर तथा पेट शॉप खोलने की अनुमति न देने के संबंध में विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा है। मध्यप्रदेश में पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अन्तर्गत डॉग ब्रीडिंग एण्ड मार्केटिंग रूल्स 2017 और प्रिवेंशन ऑफ क्रूऐलिटि टू एनिमल (पेट शॉप) रूल्स 2018 प्रभावशील है। डॉग ब्रीडिंग सेंटर एवं पेट शॉप द्वारा विधिमान्य रीति से व्यवसाय सुनिश्चित करने के लिये उक्त नियमों के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य है। पंजीयन के अधिकार जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला पशु क्रूरता निवारण समिति को हैं।