अरविंद तोमर की विशेष रिपोर्ट ।
भोपाल कार्यालय ।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को आए हुए 3 महीने लगभग हो चले हैं । परंतु इन 3 महीने में पूर्व कमलनाथ सरकार के कांग्रेसी मंत्रियों द्वारा सरकारी बंगलों का मोह समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा । जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नवरत्न कहे जाने वाले मजबूत कैबिनेट मंत्री जिनमें पीसी शर्मा से लेकर वित्त मंत्री तरुण भनोट एवं बृजेंद्र सिंह राठौर से लेकर अन्य कुल 9 मंत्री शामिल है । अपना मोह सरकारी बंगलों से नहीं छोड पा रहे हैं । इस मामले में आज पूर्व वित्त मंत्री कमलनाथ सरकार के तरुण भनोट के खिलाफ संविदा संचालनालय एवं पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई करते हुए उनके बंगले को सील कर दिया गया है । वहीं दूसरी ओर अन्य मंत्रियों को दिए गए नोटिस का समय भी आज 20 तारीख को पूरा हो चुका है ।
बेदखली कार्रवाई की तैयारी ।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पिछले 3 महीने के अधिक समय से सरकारी बंगलों से चिपके पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को अब बंगले खाली करने हेतु नोटिस का समय पूरा होने के बाद बेदखली की कार्रवाई किए जाने संबंधी नोटिस जारी कर दिए गए हैं । इस संबंध में संपदा संचनालय से जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार उपरोक्त नोटिस नोटिस प्रक्रिया के तीसरे चरण में जारी किए गए हैं । इससे पहले जारी किए गए किसी भी नोटिस का जवाब संबंधित मंत्रियों ने नहीं दिया था । वहीं दूसरी ओर कई ऐसे बंगले हैं जो अन्य अधिकारियों एवं मंत्री को अलॉट किए जाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है । कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार नोटिस जारी किए जाने के अधिकतम समय 60 दिन का होता है । परंतु संबंधित मंत्रियों ने कोई इच्छा शक्ति इस विषय में एवं कार्रवाई नहीं दिखाई है । प्रणाम स्वरूप आज पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट के खिलाफ जो कठोर कार्रवाई की गई , वह इसी का परिणाम है ।
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा को एलॉट हो चुका है वित्त मंत्री का बंगला ।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट का बंगला b-16 चार इमली भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा को अलाट किया जा चुका है। परंतु लगातार पिछले 60 दिनों से नोटिस पर नोटिस दिए जाने के बाद भी पूर्व मंत्री तरुण भनोट ने अभी तक बंगला खाली नहीं किया था परिणाम स्वरूप आज संपदा संचनालय एवं पीडब्ल्यूडी विभाग ने उनके बंगले को सील कर दिया । एवं उन्हें सात दिवस का नोटिस इस बाबत दिया गया है कि अगर सामान बंगले से बाहर नहीं निकाला गया तो निश्चित रूप से कार्रवाई अंतर्गत इस सामान को नीलाम कर दिया जाएगा ।
इतना अपमान फिर भी चिपके है महोदय ।
अधिकांश का राजनीतिक परिदृश्य में ऐसे दृश्य बहुत कम देखने को मिलते हैं कि एक साथ लगभग एक दर्जन मंत्री सरकार जाने के 3 महीने से अधिक समय होने के बाद भी बंगलों का मोह ना त्याग पाएं । परंतु ऐसा दृश्य मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे कमलनाथ सरकार के नौ रत्नों में दिखाई दिया। कमलनाथ सरकार के संबंधित लगभग एक दर्जन मंत्रियों ने कई नोटिस जारी होने के बाद आज दिनांक तक बंगला खाली नहीं किया और लगातार अपमान होता रहा । हालांकि कांग्रेस के तत्कालीन मंत्री इस मामले को राजनीतिक विद्वेष की भावना मानते हैं परंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर कहते हैं कि इसे तो बेशर्म ताई ही कहना होगा ।
कमलनाथ के नौ रत्नों को बेदखली के नोटिस ।
गृह विभाग से जानकारी के अनुसार संपदा संचालनालय एवं पीडब्ल्यूडी विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा किए गए जारी नोटिस ओके जब जवाब प्राप्त नहीं हुए एवं बंगले खाली नहीं किए गए तो ऐसी स्थिति में इस मामले की जानकारी प्रदेश के गृह विभाग को दी गई । आज 20 तारीख को इस मामले में अंतिम दिन था । ऐसी स्थिति में भी बंगला खाली न होने के बाद एक तरफ जहां तरुण भनोट का बंगला सीज कर दिया गया वहीं दूसरी और अन्य संबंधित मंत्रियों जिनमें लगभग एक दर्जन मंत्री शामिल है उन्हें भी बेदखली की कार्रवाई का नोटिस आज गृह विभाग द्वारा दे दिया गया है । लगभग एक दर्जन जिन पूर्व मंत्रियों को नोटिस जारी किया गया उनमें निम्नानुसार है ।पूर्व मंत्री तरुण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, बृजेंद्र सिंह राठौर, ओमकार सिंह मरकाम, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे, उमंग सिंगार, पीसी शर्मा, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिय, सचिन यादव और सुरेंद्र बघेल को जारी हुआ नोटिस।
लॉक डाउन का दिया बहाना ।
इस मामले में बल्लभ भवन समाचार पत्र से हुई कुछ पूर्व मंत्रियों की चर्चा के अनुसार पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट से लेकर अन्य मंत्रियों का यही कहना था कि लोग डाउन के कारण जो भी मंत्री महोदय जहां थी वह लगभग सभी मंत्री अपने-अपने इलाके में रुक चुकी हैं एवं भोपाल आना असंभव हुआ है । इस कारण ना तो नोटिस का समय पर जवाब दे पाए और ना ही बंगला खाली कर पाए । संबंधित मंत्रियों के अनुसार भोपाल रेड जोन में होने के कारण बंगला खाली करने में तकलीफ आई है एवं इतना समय लगा है. नोटिस के जवाब में मंत्रियों का कहना है कि हमने लॉक डाउन की स्थितियों के बारे में एवं भोपाल के रेड जोन मामले में नोटिस अंतर्गत अवगत करा दिया है। परंतु सूत्र बताते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार के इन सभी पूर्व मंत्रियों की उपस्थिति पिछले 90 दिन के अंदर लगातार भोपाल में रही है और अपने अपने बंगलों पर उपस्थित भी रहे हैं ।