भोपाल कार्यालय ।
ग्वालियर को मध्य प्रदेश की राजनीतिक राजधानी माना जा सकता है , विशेष रुप से भारतीय जनता पार्टी के लिए । ग्वालियर ही वह है जहां से भारतीय जनता पार्टी एवं उसके अनुषांगिक संगठनों सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठनों का उदय ही नहीं वरन उत्थान भी हुआ । आज ग्वालियर से एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया है जो वर्तमान में भाजपा में आ चुके हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व करने वाले नरेंद्र सिंह तोमर है । स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भी ग्वालियर से ही याद किया जाता है तो भाजपा को उत्थान कर्ता के रूप में स्थापित करने वाली राजमाता सिंधिया का नाम भी यहीं से लिया जाता है परंतु अब धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी का ग्वालियर में ही संस्कार कमजोर हो चला है। 24 घंटे पूर्व भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष की जो लिस्ट सामने आई उसमें ग्वालियर से जिला अध्यक्ष जिस व्यक्ति को चुना गया उसने 24 घंटे पूर्व ही एक पुलिस अधिकारी सहित अपने भाजपा के कार्यकर्ता को ही गाली दे डाली थी। जिसका ऑडियो वायरल होने के बाद महोदय ने स्पष्टीकरण दिया कि मैंने गाली अपने कार्यकर्ताओं को दी थी टीआई महोदय को नहीं । भारतीय जनता पार्टी की ओर से एक तरफ यह कहा जाता है कि सेवा संस्कार और संकल्प हमारा उद्देश्य है और यही हमारा लक्ष्य । आज भाजपा के लिए मुख्य गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर में ही दूषित प्रदूषित एवं संस्कार हीन ही लोग संगठन के नाम पर दिखाई देते हैं ।
आखिर कमल बन ही गए ग्वालियर अध्यक्ष ।
लिस्ट जारी होने के 12 घंटे पूर्व ही भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री रहे कमल मखीजानी को अखिल भारतीय जनता पार्टी ग्वालियर का अध्यक्ष बना दिया गया , जबकि 24 घंटे पूर्व ही वह ग्वालियर के 1ti को धमकी देते हुए एवं गाली-गलौच करते हुए ऑडियो के रूप में चर्चित हुए थे । और 12 घंटे भी नहीं बीते पाए जो 24 जिला अध्यक्षों के बदलाव की लिस्ट जारी हुई उसमें कमल मखीजानी का नाम सबसे ऊपर था । जानकारी के जानकारी के अनुसार कमल मखीजानी का नाम स्थानीय सांसद के विशेष कोटे से तय किया गया। ज्ञात हो कि जब गाली गलौज का ऑडियो वायरल हुआ था तो उन्होंने 1 घंटे के अंदर ही संबंधित टीआई को माला पहनाकर उनका स्वागत किया एवं उनसे माफी मांगी । जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि उन्होंने टीआई को गाली क्यों दी ? तब उन्होंने अपने बयान में कहा था कि मैंने टीआई महोदय को गाली नहीं दी मैंने गाली अपने कार्यकर्ताओं को दी थी... अर्थात भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान जिला अध्यक्ष अपने ही कार्यकर्ताओं को इतना अधिक तुच्छ समझते हैं कि उन्हें मां बहन की गाली से सम्मान देते हैं ।
ग्वालियर छोड़ अधिकांश जिला अध्यक्ष साफ-सुथरी छवि के बनाए गए ।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी लिस्ट में घोषित लगभग 24 जिला अध्यक्षों मैं से 22 जिला अध्यक्षों को बदल दिया गया था । जिसमें मुख्य रूप से भोपाल के जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी को बनाकर प्रदेश नेतृत्व ने सराहनीय कार्य किया । भाजपा के 1 साल पहले बने अध्यक्ष विकास बिरानी को हटाना संगठन के लिए आवश्यक था । कुल मिलाकर मात्र ग्वालियर को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी जिला अध्यक्ष साफ-सुथरी छवि के बनाए गए हैं । लिस्ट में प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 जिला अध्यक्षों में से मुख्य जिला अध्यक्ष निम्नानुसार बनाए गए ।सागर में गौरव सिरोठिया, टीकमगढ़ में अमित नूना, दमोह में प्रीतम लोधी, रीवा में डाॅ. अजय सिंह पटेल, सतना में नरेंद्र त्रिपाठी, शहडोल में कमल प्रताप सिंह, उमरिया मेें दिलीप पांडे, सिवनी में आलोक दुबे, नरसिंहपुर में अभिलाष मिश्रा, भोपाल नगर में सुमित पचौरी, होशंगाबाद में माधव अग्रवाल, बैतूल में आदित्य शुक्ला, रायसेन में जयप्रकाश किरार, इंदौर नगर में गौरव रणदिवे व ग्रामीण में राजेश सोनकर, बुरहानपुर में मनोज लदवे, झाबुआ में लक्ष्मण नायक, धार में राजू यादव, आगर में गोविंद सिंह बरखेड़ी, देवास में राजीव खंडेलवाल, मंदसौर में नानालाल अठौलिया और नीमच में पवन पाटीदार को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।