भोपाल । उसकी तड़प भूख, प्यास से कहीं ज्यादा अपनों के बीच और अपने घर पहुंचने की थी । और वह अपने घर पहुंचने के जुनून और पागलपन में भूख और प्यास की परवाह ना करते हुए , चला जा रहा था, सैकड़ों किलोमीटर लगातार । रात भर चलता था , दिन में भी चलने की कोशिश करता था , रास्ते में चलते हुए किसी ने कुछ दे दिया तो ठीक है , कई जगह पुलिस की लाठियां खाता , मृगतृष्णा के समान रोड पर चलते हुए ऐसा लगता कि घर उसका आ ही गया ,समीप ही है । परंतु शरीर शरीर होता है । अंत में शरीर ने साथ छोड़ दीया । और वह तड़पकर भूखा , प्यासा सड़क पर ही मर गया ।
यह कहानी नहीं हकीकत है ,
आज अन्य प्रदेशों से निकले हुए अपने घर की ओर चलने वाले सड़क अथवा रेल मार्गों से पैदल और साइक्लो से निकले ,वे मज़दूर जो निकल पड़े हैं ,अपनी जिंदगी की परवाह न करते हुए अपनों के बीच । और रास्ते में ही दम तोड़ दिए । पिछले 1 महीने के दौरान इस तरह की मौत हिंदुस्तान में 2 दर्जन से अधिक हो चुकी है । पिछले 24 घंटे के अंतराल में तीसरी मौत मध्य प्रदेश की सीमा में हुई ।
महाराष्ट्र से निकला और मध्य प्रदेश की सीमा में तड़प कर मर गया ।
प्रवासी मजदूर लगातार पिछले 1 महीने से यही प्रयास कर रहे हैं कि भी किसी भी स्तर पर पैदल अथवा अन्य किसी माध्यम से अपने अपने गांव पहुंच जाएं , जानकारी के अनुसार विभिन्न राज्यों से लगभग 10,000 से अधिक लोग पैदल अथवा अन्य माध्यमों से अपनी अपने गांव की ओर रवाना हुए और अपने गांव में पहुंच भी गए . जो पहुंच गए वह किस्मत वाले थे परंतु जो रास्ते में रह गए , दुर्भाग्य उनका साथ नहीं छोड़ा . मध्य प्रदेश में पिछले 1 महीने के अंतराल में लगभग 12 से अधिक मजदूर सीमा के अंतर्गत मर चुके हैं , जो पैदल मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश जा रहे थे अथवा अन्य प्रदेश में जा रहे थे अथवा मध्य प्रदेश में ही आ रहे थे । कल देर रात को मध्यप्रदेश के बड़वानी में जिस मजदूर की मौत हुई वह महाराष्ट्र के भिवंडी में काम करता था और पिछले एक दिवस पूर्व महाराष्ट्र से निकलकर बड़वानी जिले की सीमा में पहुंचा था । भूख और प्यास से तड़प कर मरने वाले व्यक्ति का नाम तबारक अंसारी बताया जाता है । जो 24 घंटे पहले ही महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के लिए पैदल रवाना हुआ था । अंसारी के साथ 10 से 12 मजदूर और भी समूह के रूप में चल रहे थे ।
बड़वानी में तीसरी भूख से तड़पते मजदूर की मौत ।
महाराष्ट्र की सीमा से लगे मध्य प्रदेश का बेहद संवेदनशील कहां जाने वाला जिला बड़वानी मजदूरों के आने जाने के लिए महाराष्ट्र के मध्य प्रदेश में बेहद करीबी जिला कहा जाता है , इस जिले में पिछले 15 दिन के अंतराल में शासकीय रिकॉर्ड के अनुसार तीन मौतें हो चुकी हैं , पहली मौत 28 अप्रैल को इससे पहले 21 अप्रैल को एवं तीसरी मौत कल हुई । वहीं दूसरी ओर अप्रत्यक्ष सूत्र बताते हैं कि यह सभी मौतें लगातार पैदल चलने के कारण एवं भूखे प्यासे रहने के कारण हो रही है जिनकी संख्या मध्यप्रदेश में बड़वानी जिले से हटकर 1 दर्जन से अधिक हो सकती है ।
सरकार हुई सक्रिय विशेष ट्रेन चल रही है ।
मजदूरों को अपने गांव जाने की इतनी जल्दी है कि बिना सोचे समझे एवं अपनी जिंदगी की परवाह न करते हुए वह अनजान सफर पर निकल जाते हैं जहां जिंदगी और मौत की दूरियां बेहद कम है । यह एक ऐसी घबराहट है जिसका कोई अंत नहीं परंतु समझदारी इसी में है कि लॉक डाउन का पालन करते हुए शासन के निर्देशों के अनुसार जो व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है उसके द्वारा ही व्यक्ति एवं मजदूर अथवा छात्र गंतव्य तक पहुंच सकें इसके लिए मात्र इंतजार करना पड़ रहा है । परंतु इंतजार इन मजदूरों को कहा ? पिछले 24 घंटे के अंतराल में केंद्र सरकार के निर्देश पर मजदूरों को वापस अपने अपने जिले में ले जाने हेतु रेलवे ने विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की है ।