चुनौतीपूर्ण होगा मंत्रिमंडल गठन । रविवार को दिल्ली जाएंगे मुख्यमंत्री । मंगलवार को ही होगा शपथग्रहण ।

   


भोपाल ।ब्रेकिंग।


 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 5 मई अर्थात मंगलवार को होने वाले शपथ ग्रहण में मंत्रियों का नाम तय करना आसान नहीं दिख रहा । इस बार मंत्रिमंडल चयन भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से बेहद चुनौतीपूर्ण दिखाई दे रहा है , दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक अर्थात कांग्रेश के बागियों की तरफ से संभावित मंत्री स्पष्ट है। असल चुनौती इस बार भारतीय जनता पार्टी को अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं मालवा,बिंद सहित निमाड़ के प्रतिनिधित्व से आ रही है ।


रविवार या सोमवार को जाएंगे मुख्यमंत्री दिल्ली ।


विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्री मंडल गठन को लेकर आलाकमान से मिलने एवं संबंधित विषय में चर्चा करने रविवार अथवा सोमवार को दिल्ली पहुंचेंगे। जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल गठन में इस बार चुनौतीपूर्ण स्थितियां होने के कारण आलाकमान की सहमति की आवश्यकता महसूस की जा रही है जबकि आलाकमान की ओर से पूर्व में ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फ्रीहोल्ड दिया जा चुका है । परंतु विपरीत परिस्थितियां होने के कारण चुनौतियां तो स्पष्ट है ही । जानकारी के अनुसार जैसे ही मुख्यमंत्री दिल्ली से लौटेंगे दूसरे दिन मंगलवार को शपथ ग्रहण कार्यक्रम राजभवन में आयोजित किया जाएगा।


इस बार चुनौतियां कम नहीं है ।


निश्चित रूप से इस बार चुनौतियां मंत्रिमंडल गठन को लेकर कम नहीं है क्योंकि लगभग एक दर्जन सीट कांग्रेश से बाहर आए विधायकों सहित अन्य विधायकों को दिया जाना तय है ,जिनमें 2 सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया जा चुका है । इस मामले में स्पष्ट दिशा निर्देश है, कुल मिलाकर लगभग 10 मंत्री भारतीय जनता पार्टी से हटकर बागी विधायकों की और तय किए जा चुके हैं और उन्हें बनना ही है । परंतु असल चुनौती भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायकों को लेकर है । जिनमें लगभग एक दर्जन विधायक बेहद वरिष्ठ एवं लगातार जीतने वाले हैं अथवा पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।वहीं दूसरी और कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां विपरीत परिस्थिति मैं कई वर्षों बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक चुनकर आए हैं और उन्हें भी मंत्रिमंडल में स्थान प्राप्त करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है । इनमें मालवा और निमाड़ का विशेष दबाव बना हुआ है । वहीं दूसरी ओर बिंद क्षेत्र से कई विधायक ताकत के साथ लड़कर पहली बार अथवा वरिष्ठता के आधार पर भाजपा के विधायक बने हैं ,इस स्थिति में कई बार मंत्री रहे राजेंद्र शुक्ला को मंत्री बनाया जाना कठिन परिस्थितियों को आमंत्रित करने जैसा लग रहा है ।


यह मंत्री ले सकते हैं शपथ । विचार मंथन जारी ।


भोपाल से एक बार फिर से विश्वास सारंग , सागर से गोपाल भार्गव एवं भूपेंद्र सिंह , जगदीश देवड़ा, करण सिंह वर्मा ,अजय विश्नोई ,हरिशंकर खटीक ,गोपीलाल जाटव ,जय सिंह मरावी, डॉक्टर राजेंद्र पांडे चेतन कश्यप उषा ठाकुर और मालिनी गौड़ में से कोई एक महेंद्र हार्डिया और रमेश मेंदोला में से कोई एक, वही रेवांचल क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ल के साथ साथ गिरीश गौतम नागेंद्र सिंह में से कोई एक राम लल्लू और जुगल किशोर बागरी में से कोई एक अथवा नागेंद्र सिंह नागौद को भी लिया जा सकता है । इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के लिए किसान आंदोलन के नाम पर मंदसौर एवं रतलाम क्षेत्र से विपरीत परिस्थितियों में जीत कर आए ओमप्रकाश सकलेचा राजेंद्र पांडे केदारनाथ शुक्ला आदि में से किसी के नाम पर विचार किया जा सकता है। सागर से 3 कैबिनेट मंत्री होने की स्थिति में तीसरी बार के विधायक शैलेंद्र जैन अर्थात सेलू भैया के नाम को लेकर भी इस बार वैश्य समाज को साधना आवश्यक है । कुल मिलाकर मंत्रिमंडल विस्तार में भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं अन्य स्थितियों को देखते हुए नाम तय करना चुनौतीपूर्ण है ।