नई दिल्ली । हिंदुस्तान के कई राज्यों विशेष रूप से बिहार के मजदूरों एवं श्रमिकों के लिए अब केंद्र सरकार के निर्देश पर श्रमिक ट्रेनें चलाई जाएंगी ।इस बात जानकारी आज केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई । गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्य सरकार है रेलवे बोर्ड से संपर्क करके इसके संबंध में प्लान तैयार करें ।
श्रमिक ट्रेन चलाने का ऐलान ।
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा आज इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं मंत्रालय के सचिव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार अब इस संबंध में प्लान तैयार करके रेलवे बोर्ड को सूचित करेगा उसके बाद संबंधित राज्य से ट्रेन श्रमिक ट्रेन के नाम से विशेष ट्रेन का दर्जा लेते हुए चलेगी ।
सबसे अधिक बिहार के श्रमिक ।
संबंधित विषय में जानकारी के अनुसार संपूर्ण भारतवर्ष में बिहार एवं झारखंड से जुड़े हुए सर्वाधिक श्रमिक एवं मजदूर देश के कोने कोने में काम करते हैं, यह मजदूर महाराष्ट्र एवं दिल्ली में लाखों की संख्या में फंसे हुए हैं । जानकारी के अनुसार हजारों की संख्या में इन्हीं मजदूर साइकिल ओं के माध्यम से बिहार की ओर निकल चुके थे जिनको लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई थी , मानवाधिकार आयोग सहित अन्य संगठन भी इस मामले को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बना रही थी । सबसे अधिक संबंधित राज्यों एवं विशेष रूप से बिहार राज्य के ऊपर दबाव इस बात को लेकर बनाया जा रहा था कि उनके रहते हुए बिहार एवं झारखंड के मजदूरों का शोषण हो रहा है ।
आवश्यक दिशा निर्देश जारी ।
मंत्रालय की संयुक्त सचिव पीएस श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकारें इसके लिए रेलवे बोर्ड से संपर्क करके प्लान तैयार कर लें। रेलवे ने लिंगमपल्ली से हटिया, नासिक से लखनऊ, अलूवा से भुब, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया तक 6 श्रमिक ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है।
ट्रेनों के संचालन के लिए गाइडलाइन जारी
- ट्रेनों से आवाजाही के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना जरूरी होगा।
- ट्रेनों को पहले सैनिटाइज किया जाएगा और हर किसी की स्क्रीनिंग होगी।
- घर पहुंचाने के बाद भी इनकी मेडिकल जांच की जाएगी और 14 दिन क्वारैंटाइन में रखा जाएगा।
- स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने वाले हर यात्री को अपना फेस जरूर कवर करना होगा। जिस स्टेशन से यात्रा शुरू की जाएगी, वहां की राज्य सरकार यात्रियों के लिए खाने और पानी की व्यवस्था करेगी।
- ट्रेनों का टिकट राज्य सरकार की ओर से नियुक्त किए गए नोडल अफसर को बल्क में दिया जाएगा।
- जिन लोगों को यात्रा के लिए चिह्नित किया जाएगा, उन्हें स्टेशन पर ही मास्क और सैनिटाइजर दिए जाएंगे।
- यात्री नॉनएसी कोचेज में यात्रा करेंगे, हर कोच के एक सेगमेंट में 6 यात्री रहेंगे, आमतौर पर यहां 8 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होती है।