पूर्व कांग्रेस के मंत्री ,पहलवान जी कहे जाने वाले वर्तमान विधायक सहित हजारों नेता एवं कांग्रेसी कार्यकर्ता चुनाव से पहले भाजपा में होंगे शामिल । पूर्व मंत्री के साथ 5 विधायकों के आने की भी खबर है ...
भोपाल । लगभग 2 महीने पहले सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी अभी सरकार के जाने का गम भी नहीं भूला पाई , लगभग 25 वर्ष बाद प्रदेश में दो दर्जन विधायकों सहित मंत्रियों के कांग्रेश छोड़ने के बाद सदमे से बाहर भी नहीं निकल पाई , की एक और सनसनीखेज खबर ग्वालियर चंबल संभाग से आ रही है , आने वाले 10 से 15 दिन के अंदर ग्वालियर चंबल संभाग में कांग्रेस का एक और बड़ा नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होगा । इसके अलावा ग्वालियर चंबल संभाग में कई कांग्रेश के सिंधिया समर्थकों सहित अन्य जमीनी कार्यकर्ता भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगे ।
उपचुनाव से पहले भाजपा का दबा हुआ बड़ा दाब ।
कोरोना वायरस संक्रमण काल के कारण मध्यप्रदेश में जो स्थितियां बनती जा रही है, उसके चलते मंत्रिमंडल विस्तार ना होना एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी एवं सिंधिया समर्थक विधायकों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है , वहीं दूसरी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निलंबित किए गए विधायकों के चुनाव को लेकर बेफिक्रे नजर आते हैं ,उसका बड़ा कारण है , उपचुनाव के पहले ही ग्वालियर चंबल संभाग में जहां से सबसे अधिक सीटों पर उपचुनाव होने हैं , कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी द्वारा बड़ा झटका देने की तैयारी है । बल्लभ भवन को जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार भारतीय जनता पार्टी ग्वालियर चंबल संभाग में कांग्रेश को एक बार फिर से तोड़कर एक बड़ा दाब खेलने की तैयारी कर चुकी है । जिस की औपचारिक घोषणा संबंधित व्यक्ति द्वारा कि जाना ही शेष है , संबंध व्यक्ति केवल उसी पल का इंतजार कर रहा है जिस पल की तैयारी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने कर रखी है।
दिग्विजय एवं गोविंद सिंह का भारी विरोध ।
मध्य प्रदेश मैं विशेष रूप से ग्वालियर चंबल संभाग में बची कुची कांग्रेस पार्टी के समक्ष आने वाले उपचुनाव में एक तरफ जहां व्यक्ति विशेष दिग्विजय सिंह को लेकर लोगों की नाराजगी अभी तक समाप्त नहीं हुई वहीं दूसरी ओर अब ग्वालियर चंबल संभाग के उपचुनाव की विभिन्न सीटों पर डॉक्टर गोविंद सिंह की पहरेदारी एवं हिस्सेदारी ने सिंधिया समर्थक एवं अन्य कांग्रेस के नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है । ज्ञात हो कि अभी कई ऐसे वरिष्ठ एवं पूर्व विधायक हैं जो सिंधिया खेमे से ताल्लुक रखते हैं परंतु अभी तक सिंधिया के समर्थन में खुलकर सामने नहीं आए हैं। जानकारी के अनुसार ग्वालियर चंबल संभाग में दिग्विजय सिंह एवं गोविंद सिंह का समाज के 1 वर्ग द्वारा विशेष रुप से विरोध किया जा रहा है । वहीं दूसरी और फूल सिंह बरैया की दिग्विजय सिंह एवं गोविंद सिंह से नजदीकी को लेकर भी कई तरह के प्रश्न एवं विरोध सामने आ रहा है ।
कई निलंबित विधायकों को हारने का डर ।
कांग्रेस पार्टी से अलग हुए लगभग दो दर्जन मंत्री एवं विधायकों को भले ही भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश मिल चुका है और वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने मैदान में उतरेंगे । परंतु स्थानीय सूत्र बताते हैं की कुछ ताकतवर रहे पूर्व मंत्रियों को छोड़कर कई बागी विधायक हार के कगार पर हैं। इस मामले में जनता के बीच उनका जबरदस्त विरोध बताया जाता है । कांग्रेसी शासनकाल के दौरान सबसे अधिक विरोध का यह सिलसिला संबंधित निलंबित कांग्रेसी विधायकों ने उस समय भी भोगा था , जब मध्य प्रदेश के कई शहरों में अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा था जिसे एंटी माफिया स्कीम के नाम पर प्रदेश सरकार ने लागू कर दिया था ।