ग्वालियर में भाजपाई बगावत । प्रदेश अध्यक्ष ,संगठन महामंत्री पर लगे सड़कों पर आरोप । नवनियुक्त जिला अध्यक्ष का मामला ।

   



भोपाल कार्यालय ।  इससे बड़ा दुर्भाग्य का विषय क्या होगा कि जहां पर भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए अनुषांगिक संगठनों की प्रगति हुई ,एवं उत्थान का रास्ता प्रशस्त हुआ । आज वहीं पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नवनियुक्त जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी के विरोध के चलते ना केवल सड़कों पर आ गए बरन पार्टी पदाधिकारियों सहित वरिष्ठ नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सहित प्रदेश संगठन महामंत्री एवं संभागीय संगठन महामंत्री पर ग्वालियर में पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए ग्वालियर में पदाधिकारियों की अवहेलना के आरोप लगा दिए । अब मामला इतना अधिक बढ़ गया है कि संपूर्ण विषय राष्ट्रीय नेतृत्व एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष जा पहुंचा है।


पहली बार प्रदेशाध्यक्ष सहित संगठन महामंत्री पर लगे आरोप ।


मध्यप्रदेश में ग्वालियर को मिनी राजधानी कहा जाता है विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी के लिए ग्वालियर चंबल संभाग प्रारंभ से ही जनसंघ के जमाने से एवं हिंदू महासभा के प्रारंभिक काल से महत्वपूर्ण गढ़ के रूप में चर्चित रहा है । पिछले 40 से 50 वर्षों का कार्यकाल एवं इतिहास देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी का उत्थान एवं ताकत ग्वालियर से हमेशा जुड़ी रही । अटल आडवाणी एवं राजमाता का संयुक्त समर्पण हो ,अथवा पिछले 25 वर्षों का राजनीतिक वर्चस्व। भारतीय जनता पार्टी हमेशा ग्वालियर चंबल संभाग में अपना वजूद बना कर रखे हैं । ग्वालियर चंबल से हमेशा भाजपा की ओर से ताकतवर नेतृत्व ने ना केवल प्रदेश में अपनी विशेष ताकत जमाई बरन राष्ट्रीय स्तर तक ताकत जमी हुई है । परंतु पिछले सप्ताह ग्वालियर में भाजपा परिवार में जो कुछ हो रहा है उसका असर निश्चित रूप से आने वाले उपचुनावों में दिखाई देगा । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जिनको चुने हुए अभी 3 महीने से अधिक समय नहीं हुआ है, उनका विरोध ग्वालियर में इस तरह से होगा कि उस ग्रुप के घेरे में पहली बार संघ परिवार से संगठन महामंत्री के रूप में कार्य कर रहे संगठन महामंत्री एवं संभागीय संगठन महामंत्री तक बदनामी का कारण बन जाएंगे, संभवत ऐसा किसी ने विचार नहीं किया था । परंतु ऐसा हुआ ।


संगठन पदाधिकारियों पर लगे इस तरह के आरोप ।


भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं सहित वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ नेताओं ने इस संबंध में विरोध करते हुए एक बैठक विगत दिनों ग्वालियर में आयोजित की जिसमें पार्टी पदाधिकारियों ने नव नियुक्त जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी के मामले को आरोपित करते हुए प्रदेश संगठन महामंत्री सुभाष भगत एवं सह संगठन महामंत्री एवं संभागीय संगठन मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सभी पदाधिकारी ग्वालियर में ही नहीं मध्य प्रदेश भर में पार्टी को कमजोर कर रहे हैं . और अपनी हठधर्मिता चलाते हुए गलत निर्णय ले रहे हैं . जिसका परिणाम यह हुआ है कि पार्टी ग्वालियर में लगातार कमजोर होती जा रही है और पिछला विधानसभा चुनाव भी कई सीटों पर हार गई थी । पार्टी पदाधिकारियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व को लिखे पत्र में उल्लेखित किया है कि प्रदेश संगठन महामंत्री कभी भी कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनते , और ना ही अन्य पदाधिकारी जो संगठन से जुड़े हुए हैं वह कार्यकर्ताओं को तवज्जो देते । जबकि संघ परिवार से इतने रूखे व्यवहार के संगठन मंत्री कभी नहीं आए । इसे भाजपा का दुर्भाग्य ही माना जाए । भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के अटल बिहारी वाजपेई एवं स्वर्गीय राजमाता सिंधिया का गृह नगर है , यहां पर भाजपा के लोगों का   संगठन महामंत्री एवं संगठन के पदाधिकारी कर रहे हैं, अपनी मनमर्जी चलाते हैं और कभी भी वरिष्ठ पदाधिकारियों को सम्मान नहीं देते । जानकारी के अनुसार इतनी गंभीर आरोप संभवत पहली बार संगठन महामंत्री जैसे पद के व्यक्ति पर भाजपा के वरिष्ठ लोगों ने लगाए हैं ।


जिसने मोदी का विरोध किया और गाली गलौज की, उसे ही बना दिया जिला अध्यक्ष ।


ग्वालियर से जुड़े हुए वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने एक तरफ जहां संगठन महामंत्री सहित संभागीय संगठन मंत्री एवं सह संगठन मंत्री पर आरोप लगाए वहीं दूसरी और उन्होंने नवनियुक्त भाजपा के जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि पिछले लोकसभा चुनावों में उन्होंने मोदी के खिलाफ जानबूझकर अनर्गल टिप्पणियां की थी वहीं दूसरी और जिस दिन जिलाध्यक्ष चुना जाना था उसके 24 घंटे पहले ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के संस्कारों को  ताक पर रखते हुए पुलिस विभाग के एक टीआई को मां बहन की गालियां दी । परंतु ऐसे संस्कार हीन व्यक्ति को स्थानीय सांसद के कहने पर जिला अध्यक्ष बना दिया गया । पार्टी के अंदर इस तरह का व्यवहार एवं इस तरह के निर्णय घोर आपत्तिजनक है ।


ग्वालियर चंबल में शक्तिशाली क्षत्रिय समाज ने भाजपा से की बगावत ।


राजनीतिक सूत्रों के अनुसार ग्वालियर चंबल संभाग में चुनावों का चक्र अर्थात जीत हार की स्थिति या क्षत्रिय समाज पर निर्भर करती हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के उत्पत्ति काल से ही ग्वालियर चंबल क्षेत्र में पार्टी से विशेष रूप से क्षत्रिय समाज के लोग जुड़े रहे हैं एवं वर्तमान में 60 से 70% क्षत्रिय समाज के लोग पदाधिकारी के रूप में पदस्थ हैं । वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर ताकतवर नरेंद्र सिंह तोमर भी अपने आप में क्षत्रिय समाज का नेतृत्व करते हुए कई विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं । परंतु संभागीय संगठन मंत्री सहित प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के ऊपर खुलकर आरोप लगाने वाले क्षत्रिय समाज के पदाधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिस तरह क्षत्रिय समाज के पदाधिकारियों सहित पूरे समाज के लोगों का अपमान जिस तरह किया जा रहा है अब उसे सहन नहीं किया जाएगा। समाज से जुड़े हुए एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि ग्वालियर में अगर भारतीय जनता पार्टी को वजूद के मुकाम पर बचाकर रखना है तो क्षत्रिय समाज का अपमान बंद करना होगा । समाज की ओर से अलग से राष्ट्रीय नेतृत्व की और इस बाबत पत्र सौंपा गया है।


क्षत्रिय समाज ने किनारा किया तो सूपड़ा साफ ।


पिछले 3 दिवस से जो हालात भारतीय जनता पार्टी के आंतरिक मामलों को लेकर सड़कों पर ग्वालियर में पहुंचे हैं उसी स्थिति में इतना स्पष्ट है कि आने वाले उपचुनावों में जहां भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से क्षत्रिय समाज पर राजनीतिक वोट बैंक के प्रतिशत के हिसाब से निर्भर है , अगर बगावत इसी तरह जारी रही तो निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा पूरी तरह साफ हो जाएगा । पार्टी पदाधिकारियों की पूर्व में विधानसभा चुनाव के दौरान भी हठधर्मिता के कारण हालत खराब हो चुकी है । अब अगर हालातों में सुधार नहीं हुआ तो निश्चित रूप से भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है । ग्वालियर चंबल संभाग से जुड़े हुए राजनीतिक जानकारों के अनुसार ग्वालियर चंबल संभाग भर में क्षत्रिय समाज का प्रतिशत सर्वाधिक अन्य समाजों से है । एवं वर्षों का राजनीतिक इतिहास यह बताता है कि क्षत्रिय समाज जिस तरफ मुड़ जाता है उसी तरफ पार्टी की जीत एवं हार होती है । जानकारी के अनुसार छत्रिय समाज का प्रतिनिधित्व केवल ग्वालियर में ही नहीं वरन ग्वालियर चंबल के ग्रामीण एवं तहसील स्तर तक के इलाकों में मौजूद है।


परिवार की बातें परिवार तक रहे तो अच्छा है ।


ग्वालियर शहर में नवनियुक्त जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी की नियुक्ति को लेकर चल रहे बड़े विवाद पर बल्लभ भवन समाचार पत्र से हुई विशेष चर्चा में एक प्रदेश पदाधिकारी ने कहा कि परिवार के अंदर की बातें अगर परिवार में रहे तो अच्छा है । इस तरह से सड़कों पर आना अनुशासनहीनता तो है ही, एवं स्वयं के अलावा पार्टी को भी नुकसान होता है। इस विषय की जानकारी प्रदेश स्तर पर सभी पदाधिकारियों को है एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी जानकारी प्राप्त हो चुकी है । मामले में आंतरिक स्तर पर चर्चा चल रही है जो भी निर्णय होगा उसकी जानकारी दे दी जाएगी ।