कांग्रेस में तुम कहां से पहुंचे ? लड़ाका, संकल्पित कार्यकर्ता तो तुम भाजपाई समान हो। पूर्व मंत्री - प्रदुमन सिंह ।

 



ग्वालियर से अरविंद तोमर ।


भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से लेकर कार्यकर्ताओं की मूल भावना एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ-साथ उनका जनता से लेकर सड़कों तक जुड़ाव एवं संकल्प मैंने बेहद बारीकी से देखा है ।


कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी में कल भी टाट पट्टी उठाने से लेकर झंडा लहराने तक संकल्पित स्थिति में देखा गया एवं आज भी कहीं ना कहीं वही अंश एवं संकल्प शक्ति दिखाई देती है । इसी का कारण है कि एक छोटी सी पार्टी आज विश्व स्तर की सबसे अधिक कार्यकर्ता शहीद हुए पार्टी बन चुकी है । 


भाजपाई जमीनी कार्यकर्ता की झलक ।


परंतु कुछ ऐसी स्थितियां भी सामने आती है जो सोचने पर मजबूर कर देती है कि कांग्रेस पार्टी में भी ऐसे कार्यकर्ता रहे हैं , जिनकी  कार्यशैली एवं आत्मीय समर्पण अपने क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ आम आदमी से इस स्तर तक जुड़ा हुआ है कि लगता ही नहीं वह कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता रहे होंगे । चर्चा कर रहे हैं हम उस शख्सियत की जो पिछले 18,,,20 घंटों से मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है । गलती बेटे ने की और नादानी थी , परंतु एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में समर्पण का भाव एवं भावना जमीनी स्तर पर दिखाई दी , पूर्व मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर के बेटे द्वारा जब ट्रैफिक पुलिस के साथ बदतमीजी की गई , तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से इस मामले में स्वयं ट्रैफिक पुलिस के समक्ष पहुंचकर ना केवल अपने बेटे से माफी मंगवाई पर चालान भी कटवाया । मामला आत्मीय एवं भावनात्मक रूप से यही तक नहीं रोका उन्होंने आज वीडियो शेयर करते हुए सपरिवार घोषणा की , हमा तोलानी एवं पश्चाताप की भावना से ग्रसित हैं , एवं स्वयं को सेवा के भाव के साथ सजा के रूप में नहीं वरन सम्मान के रूप में कार्यकर्ता की हैसियत से सपरिवार मोहल्ले की सफाई का संकल्प लेते हैं। 


अहंकार की झलक भी आना पश्चाताप की ओर ले  जाता है ।


व्यक्तिगत जीवन की सामान्य सी घटना को जब सामाजिक जिम्मेदारी के साथ पश्चाताप की ओर ले जाए जाए और उस पर सपरिवार एक संकल्प लिया जाए तो इसे निश्चित रूप से मानवता के दर्शन के रूप में माना जा सकता है । इसी क्रम में आज पूर्व मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने जो संकल्प लिया एवं उसका वीडियो शेयर किया  । उनके अनुसार जो हो गया उस पर मैंने क्षमा मांग ली है ।लेकिन इस घटना में मुझे अपने बेटे के व्यवहार में  अंहकार की छोटी सी झलक दिखी जो हमारे स्व पूज्य पिताजी के दिए संस्कारो से कोशों दूर है।  बस यही बात मेरी अंतरात्मा को बार- बार कचौट रही थी यदि आज एक जिम्मेदार पिता के रुप में अपने बेटे को उचित मार्गदर्शन के साथ उसकी गलती का एहसास न कराना भी भविष्य में कही न कही समस्त परिवार को दोषी साबित कर सकता है।अतः मैंने आत्म चिंतन मनन के बाद तय किया और मेरे बेटे ने स्वयं सहमति दी, आज हम 1 घण्टे श्रमदान कर मोहल्ला बस्तियो में साफ सफाई का कार्य करेंगे .