भोपाल कार्यालय ।
मध्य प्रदेश मैं कांग्रेश सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार से संबंधित मामले एवं विभिन्न विभागों में रिश्वतखोरी सहित स्थानांतरण में लेनदेन से जुड़े हुए विभिन्न मामलों की जांच अब मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी । ऐसे मामलों की जांच के लिए संबंधित मामलों से जुड़े हुए दस्तावेज एवं उक्त सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है । उक्त जानकारी देते हुए आज प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेश सरकार में जबरदस्त भ्रष्टाचार हुआ था ।
पूर्व मुख्यमंत्री के स्टाफ पर डाले गए थे छापे ।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा अंतर्गत सरकार के प्रारंभिक कार्यकाल में ही केंद्र से जुड़ी हुई कई एजेंसियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े हुए निजी स्टाफ के ऑफिसों एवं निवास पर भी छापे डाले थे ,इस संबंध में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं नगद राशि जो लाखों-करोड़ों में थी जबकि गई थी । इस मामले की जांच एवं छापे की कार्रवाई केंद्र की एजेंसी ईडी एवं सीबीआई के द्वारा की गई थी । इसके बाद ही मध्य प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप इस कदर लगते चले गए की अंतिम कार्यकाल तक कांग्रेस की सरकार भ्रष्टाचार का पर्याय बन कर रह गई ।
1 साल से अधिक समय तक चलते रहे स्थानांतरण ।
मध्य प्रदेश में पूर्व कांग्रेस की सरकार में स्थानांतरण के मामले को लेकर भारतवर्ष में अपना एक रिकॉर्ड स्थापित किया था । कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सबसे अधिक स्थानांतरण के मामले में बदनाम हो चुकी थी । एक व्यक्ति के 7 दिन के अंदर तीन बार स्थानांतरण एवं प्रताड़ना से तंग होकर कुछ शासकीय कर्मचारियों ने आत्महत्या भी की थी । स्थानांतरण का यह दौर स्थानांतरण का यह दौर 1 वर्षों से अधिक समय तक चलता ही रहा । इस दौरान लोकायुक्त से लेकर कई एजेंसियों ने प्रदेश स्तर तक भी प्रदेश के ही अधिकारी एवं कर्मचारियों के ऊपर छापा डाला । जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि जब कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी तब तक भी स्थानांतरण होते रहे थे । इसी मामले से जुड़े हुए बिंदुओं पर आज प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अंतिम छह माह में जो अति कांग्रेश के मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों ने की थी ,हम उस पर विशेष निगाह रखे हुए हैं ।
अल्पमत की सरकार के फैसलों में भी भ्रष्टाचार ।
आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार में कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार एवं घोटालों से जुड़ा हुआ लंबा विषय है । इस पर लगातार नजर बनी हुई है एवं फाइलें तैयार की जा रही है । नरोत्तम मिश्रा के अनुसार पीडब्ल्यूडी से लेकर मुख्यमंत्री निवास एवं अन्य कई विभागों में जिस तरह से भ्रष्टाचार का नंगा नाच हुआ वह अपने आप में ऐतिहासिक है । गृहमंत्री के अनुसार जब मध्यप्रदेश में अल्पमत की सरकार थी एवं 22 विधायक इस्तीफा दे चुके थे । विधायकों सहित मंत्रियों के इस्तीफे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिए थे । इसके बाद भी अल्पमत की सरकार मनमाने निर्णय लेती रही ,स्थानांतरण करती रही । हालांकि कई फैसले अल्पमत की सरकार के कार्यकाल के दौरान बदल दिए गए हैं परंतु किए गए भ्रष्टाचार की जांच भाजपा की सरकार अवश्य कराएगी ।
कांग्रेस के मंत्रियों ने ही लगाए थे लेनदेन के आरोप ।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी के मामले ब्लैक मेलिंग से जुड़े हुए सरकार के मंत्री उमंग सिंगार ने भी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर लगाए थे । यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहा था बाद में राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में दखल के चलते उमंग सिंगार शांत हो गए । परंतु उस समय जो उन्होंने तत्व एवं पत्राचार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विरुद्ध जारी किया था उसको देखते हुए स्पष्ट हो गया था कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का स्थानांतरण में कितना दबाव था । यही नहीं उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह पर भ्रष्टाचार एवं लेनदेन के खुलकर आरोप लगाए थे ।