कोरोना काल । प्रतिदिन एक की मौत । लूटपाट । आत्महत्या। दुर्घटनाएं ....... अनवरत क्रम ।

 बल्लभ भवन की विशेष रिपोर्ट  ।



 भोपाल कार्यालय । मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण को ,,काल कहना होगा , वास्तविक रूप से एक काल के समान सामने आया है ,जिसमें प्रतिदिन संक्रमण से मौत , आत्महत्या , लूटपाट की घटनाएं जिस तरह सामने आ रही है उनको देखते हुए एक तरफ जहां मानवता के प्रति चिंताजनक स्थिति दिखाई दे रही है वहीं दूसरी ओर आने वाला समय कैसा होगा ? इसको लेकर चिंता का माहौल समाज में दिखाई दे रहा है . मध्यप्रदेश में इस संक्रमण काल के दौरान प्रतिदिन कितनी मौत हुई है, एवं आत्महत्या , सहित घटना, दुर्घटना हुई .. विश्लेषण करते हैं ।


भोपाल में प्रतिदिन एक मौत,  प्रदेशभर में 4 ।


मध्य प्रदेश में जब से वायरस संक्रमण काल प्रारंभ हुआ है , संक्रमण के चलते एवं अन्य घटनाओं में प्रदेश भर में प्रतिदिन पांच मौतों का आंकड़ा सामने आया। इन पांच मौतों में भोपाल , उज्जैन एवं इंदौर सहित अन्य वह जिले जहां पर संक्रमण ने अपना रौद्र रूप दिखाया , शामिल है । कोरोना वायरस के कारण प्रतिदिन एक व्यक्ति की मौत का आंकड़ा सामने आया है , लगभग यही स्थिति प्रतिदिन से दो या तीन जोड़ दिए जाएं तो इंदौर एवं उज्जैन में यही स्थिति सामने आई है । अर्थात मध्य प्रदेश भर में कोरोनावायरस से अन्य घटनाओं से हुई मौत को जोड़ें तो प्रतिदिन 4 मौत अर्थात लगभग 200 से अधिक मौत मध्य प्रदेश में हुई है ।


दुर्घटनाओं , आत्महत्याओं में , 40 से अधिक मौत ।


राष्ट्रीय स्तर पर इस दौरान मजदूरों की मौत सहित अन्य बीमारियों की मौतों का आंकड़ा देखा जाए तो वह अचानक बढ़ गया है । मध्यप्रदेश में इस संक्रमण काल के दौरान प्रदेश में आने वाले पैदल मजदूरों की मौतों के साथ-साथ आत्महत्याओं का अगर आंकड़ा देखा जाए तो 40 से अधिक मौत पिछले 50 दिनों के अंतराल में सामने आई है । मजदूरों की मौत के मामले में अधिकांश मौत महाराष्ट्र से आने वाले मध्य प्रदेश के बॉर्डर स्थित गांव एवं जिलों में मजदूरों की घबराहट के कारण हुई दुर्घटनाओं से यह मौत लगातार बढ़ी है। 24 घंटे पहले ही 16 मजदूरों की मौत ने मध्यप्रदेश को हिला कर रख दिया , इसी क्रम में महाराष्ट्र के बॉर्डर से लगे हुए मध्यप्रदेश के जिलों में लगभग 9 अन्य मौतें भी हुई थी ।


बढ़ता हुआ कर्ज , मानसिक तनाव से पैदा हुआ आत्महत्याओं का दौर ।


प्रदेश में वायरस संक्रमण काल के दौरान एक तरफ जहां दुर्घटनाएं बढ़ती चली गई , इस महामारी में लगातार मौतों का आंकड़ा रुक नहीं रहा , वहीं दूसरी ओर सामाजिक रूप से एक और जनता का माहौल पैदा हो गया है । क्योंकि मध्य प्रदेश के विभिन्न ग्राम एवं शहरी सहित जिला स्तर पर लॉक डाउन के इस आर्थिक मंदी दौर में बढ़ते हुए मानसिक तनाव एवं कर्ज के चलते आत्महत्याओं का एक नया दौर प्रारंभ हुआ । पिछले 50 दिन के अंतराल में प्रदेश भर में लगभग 2 दर्जन से अधिक लोगों ने मौत को गले लगाया । आत्महत्याओं का सिलसिला प्रतिदिन लगभग सामने आ रहा है । विशेषज्ञ बताते हैं कि बढ़ता हुआ कर्ज एवं डिप्रेशन की स्थिति के साथ साथ पारिवारिक कलह के कारण भी आत्महत्याओं का प्रतिशत बढ़ा है । भोपाल में पिछले 12 घंटे के अंदर दो आत्महत्या हुई जिनमें दोनों ही आत्महत्या कर्ज से एवं आपसी घरेलू विवाद के कारण हुई । 25 वर्षीय संगीता थाना निशातपुरा ने अपनी ढाई वर्ष की बच्ची के सामने आत्महत्या कर ली वहीं दूसरी ओर गुरुवार को 35 वर्षीय अमित नामक व्यवसाई ने कर्ज से लदे होने के कारण बेरसिया क्षेत्र में आत्महत्या की ।


लूटपाट ,चोरी की घटनाएं भी बढ़ी ।


मध्य प्रदेश में पिछले 50 दिन के अंदर इस संक्रमण काल के दौरान सार्वजनिक रूप से लूटपाट एवं चोरी की घटनाओं ने भी तेजी से प्रगति की है । एक जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश भर में लूटपाट एवं चोरी की घटनाएं 40 से अधिक सामने आई है । वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अंधी महिला के साथ बलात्कार के साथ साथ लूटपाट एवं चोरी की लगभग एक दर्जन घटनाएं उस दौर में सामने आई है जबकि 90% से अधिक जनता अपने घरों में कैद है। विशेषज्ञ इसे बेरोजगारी एवं आने वाली खराब स्थितियों से जोड़ते हैं । कल रात्रि में ही भोपाल में कोहेफिजा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक पेट्रोल पंप को लूटने की घटना हुई जिसे समय रहते रोक दिया गया लूटपाट में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया एवं 2 लोग फरार हो चुके हैं । वहीं एक अन्य घटना में रायसेन जिले के अंतर्गत सांची थाने में 80 वर्षीय एक बुजुर्ग अपने घर के बाहर खटिया पर सो रहा था , सोते हुए उस बुजुर्ग को अज्ञात व्यक्ति ने धड़ से अलग कर दिया । एवं उसका सिर काट कर अपने साथ ले गया ।


आने वाले हालात चिंताजनक ।


कोरोना वायरस संक्रमण काल के दौरान अब लगातार जो आत्महत्या से लेकर मौतों का सिलसिला लगातार सामने आ रहा है इसके साथ-साथ घटनाएं दुर्घटनाओं के अलावा चोरी एवं अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही है उनको देखते हुए इस संबंध में अपराध से जुड़े हुए मामलों में पुलिसकर्मी बताते हैं कि आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं और भी अधिक बढ़ सकती हैं । अर्थात हालात चिंताजनक हो सकते हैं । क्योंकि एक तरफ आर्थिक स्थितियों में भयावह स्थिति के सामने आ चुकी है वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी के चलते लूटमार की घटनाएं लगातार बनेगी । सामाजिक रूप से जनता को इस मामले में सतर्क रहना होगा । आर्थिक मंदी के आने वाले दौर में आत्महत्याओं के मामले से लेकर मतभेद के मामले भी पारिवारिक स्तर पर सामने आ सकते हैं । कुल मिलाकर इन हालातों को सुधारने में 1 वर्षों से अधिक समय लग सकता है । वह भी संक्रमण काल की स्थितियों को देखते हुए ,अन्यथा इससे भी अधिक समय लग सकता है ।