मध्यप्रदेश में 50 करोड़ से अधिक की लॉक डाउन में बिकी अवैध शराब । 2 महीने में हुई 20 मौत ।



 

                                 अवैध शराब विभाग से अधिक पुलिस ने पकड़ी।

                               अवैध शराब कारोबार के नए-नए तरीके सामने आए ।

 

भोपाल कार्यालय से अरविंद सिंह तोमर की विशेष रिपोर्ट ।

 

मध्यप्रदेश में जब से लॉक डाउन हुआ , लगभग 2 महीने से अधिक का समय हो चला है । तभी से एक साथ मध्यप्रदेश में शराब की दुकान बंद कर दी गई थी । एक तरफ जहां मार्च के पहले ठेके चुके थे और नवीन ठेके संबंधित ठेकेदारों को सुपुर्दगी में ही प्राप्त नहीं हुए थे । अचानक हुए लॉक डाउन स्थिति में एक तरफ जहां मध्य प्रदेश सरकार को प्रतिदिन कम से कम 25 से 30 करोड रुपए का नुकसान हुआ , वहीं दूसरी और शराब ठेकेदारों को भी करोड़ों रुपए का नुकसान होने की आशंका बताई जाती है । परंतु अवैध शराब का कारोबार इन 2 महीने में जबरदस्त तरीके से चला । एक जानकारी के अनुसार कम से कम 50 करोड़ से अधिक का अवैध शराब का कारोबार अंग्रेजी एवं देसी शराब से जुड़ा हुआ सामने आया ।

 

विभाग से अधिक पुलिस ने पकड़ी अवैध शराब ।

 

हालांकि यह नया विषय नहीं है और आरोप भी कोई नया नहीं है मध्य प्रदेश ही नहीं भारतवर्ष के इतिहास में हमेशा संबंधित आबकारी विभाग से कहीं अधिक अर्थात 40 गुनी मात्रा में पुलिस प्रशासन ही अवैध शराब को जप्त करता है । एक जानकारी के अनुसार प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश में पुलिस प्रशासन एवं आबकारी विभाग द्वारा पकड़े गए अवैध शराब को अगर आंकड़ों के प्रतिशत में देखा जाए तो यह आंकड़ा आबकारी विभाग से 40 गुना अधिक बताया जाता है । इसका सीधा सीधा तात्पर्य यह है कि अवैध शराब बिक्री में पुलिस की मिलीभगत से 40 गुना अधिक मिलीभगत आबकारी विभाग की होती है । मध्य प्रदेश में पिछले 2 महीने के अंदर लॉक डाउन की स्थिति में जप्त की गई करोड़ों की शराब स्पष्ट करती है कि यह तो वह शराब की जो पकड़ी गई और जो नहीं पकड़ी गई उसकी सप्लाई की जा चुकी होगी ।

 

अवैध शराब के नए-नए तरीके ।

 

मध्यप्रदेश में अवैध शराब परिवहन एवं विक्रय के नए-नए तरीके पिछले 2 महीने के अंदर सामने आए जिसमें प्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम की कचरा गाड़ी एवं नगर निगम के ही स्थाई कर्मचारियों द्वारा शराब बकरे शहरी क्षेत्र में किया जाना एवं तालाब में मछली पकड़ने एवं परिवहन से जुड़े नाव में अवैध शराब का परिवहन करना सहित कल सोमवार को इंदौर में प्रदेश सरकार की एंबुलेंस में 12 बोतल अवैध शराब एवं 12 बोतल बियर सहित मध्य प्रदेश भर में कई जगह पर ऐसे ऐसे तरीके सामने आए जिन को लेकर पुलिस प्रशासन एवं आबकारी विभाग दोनों ही आश्चर्यचकित हैं । कुल मिलाकर लोक डाउन की स्थिति में अवैध शराब का संचालन मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से किया जाता रहा । एवं यह तरीके इस स्तर पर विचार कर सामने आए जिनके बारे में पहले आबकारी विभाग अथवा स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने कभी सोचा नहीं था ।

 

कई अधिकारी निलंबित । लगभग 20 की मौत।

 

लोक डाउन की स्थिति में अवैध शराब के कारोबार में जिस तरह से उठा लाया उतना उत्तर प्रदेश भर मैं सामान्य अवैध शराब कारोबार के दौरान सामने नहीं आता है। ग्वालियर चंबल संभाग के साथ-साथ रतलाम मंदसौर भोपाल इंदौर उज्जैन सहित कई ऐसे शहर है जहां पर विशेष रुप से राजगढ़ आदि में लाखों नहीं करोड़ों की राशि में अवैध शराब का कारोबार संचालित हुआ एवं पकड़ा भी गया । इस दौरान विभाग के कई सहायक आबकारी आयुक्त एवं अन्य अधिकारी निलंबित भी हुए । अरे शराब बिक्री के मामले में एवं 5 से अधिक लोगों की मौत अवैध शराब पीने की कारण पिछले दिनों रतलाम के सहायक आबकारी आयुक्त को निलंबित किया गया वहीं दूसरी ओर इसी सिलसिले में खरगोन के सहायक आबकारी आयुक्त पराक्रमसिंह को भी निलंबित कर दिया गया, इसी लाइन में अलीराजपुर प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त का भी निलंबन सामने आया। कुल मिलाकर लोक डाउन की स्थिति में लगभग 6 अधिकारी एवं कर्मचारियों को निलंबित किया गया वहीं दूसरी ओर अवैध शराब पीने से पूरे मध्यप्रदेश में लगभग 20 लोगों की मौत हुई जिनमें सबसे बड़ा आंकड़ा रतलाम से 7 लोगों का बताया जाता है । वहीं पुलिस प्रशासन इस आंकड़े को 12 बताता है ।

 

शासन फेल । कारोबारी रहे सफल ।

 

मध्य प्रदेश में 2 महीने के अंदर जो अवैध शराब का कारोबार जिस तेजी एवं नए तरीकों से आगे बढ़ता गया उन तरीकों एवं अवैध शराब के कारोबार को विभाग तो कंट्रोल नहीं कर पाया और ना ही शासन को कंट्रोल करने के लिए कोई विधिवत तरीके से योजना का क्रियान्वयन सामने आया । परंतु लॉक डाउन के इन 2 महीने में इतना स्पष्ट हो गया की अवैध शराब के कारोबार में शराब कारोबारी पूरी तरह सफल रहा और उसने करोड़ों रुपए की अवैध शराब को नए नए तरीके से मध्य प्रदेश के कोने-कोने में गांव से लेकर शहरों तक फैला दिया । ऐसी स्थिति में शराब कारोबारी को सफल माना जाना चाहिए एवं मध्य प्रदेश सरकार के उठाए गए क़दमों को कमजोर एवं असफल मानना ही उचित होगा ।