प्रदेश के हर बॉर्डर पर बसों का डेरा । भोजन, दवा रुकने के साथ- साथ ... पोहा जलेबी ...। मजदूरों के स्वागत में सरकार ।

                   


भोपाल कार्यालय । पिछले 48 घंटे के अंतराल में मध्य प्रदेश के हर बॉर्डर पर जहां से अंतर राज्य सीमा प्रारंभ होती है, मजदूरों के हितार्थ लगी हुई लगभग 500 से अधिक बसें , चाय नाश्ते के साथ-साथ पोहा जलेबी का आनंद । लॉक डाउन की इस महामारी के माहौल में मजदूरों के लिए समर्पित हुई सरकार के द्वारा किए गए प्रयासों से ऐसा लगा ,कोई उत्सव मनाया जा रहा है ।


फूल मालाओं के स्वागत के साथ बसों में ससम्मान विठाला गया ।


यह प्रत्यक्ष माहौल महाराष्ट्र से लगे हुए सेंधवा बॉर्डर के दिखाई दिए । सेंधवा बॉर्डर से लाइव रिपोर्टिंग करने के लिए वहां एक शासकीय कर्मचारी ने जो वीडियो कॉलिंग की उसको देखते हुए फक्र भी महसूस हुआ और दुर्भाग्य भी । क्योंकि सेंधवा बॉर्डर पर इतनी अधिक बसें एवं प्रशासन से जुड़े हुए कर्मचारी अधिकारी मौजूद थे , कि 24 घंटे तक लगातार सेवा भावना के साथ काम करने के बाद भी मजदूर कम दिखाई दिए और अधिकारी कर्मचारियों के साथ-साथ बसें अधिक दिखाई दी । परंतु फिर भी मजदूर सेंधवा बॉर्डर आने से पहले ही जंगली रास्तों से पैदल और साइकिलों से अनजान डर से भयभीत होकर अपने अपने गांव के लिए निकलते रहे । वहीं दूसरी और जो लोग सेंधवा बॉर्डर से निकले उन्हें पोहा जलेबी के साथ-साथ फूल मालाओं के स्वागत के साथ बसों में ससम्मान विठाला गया ।


सेंधवा बॉर्डर से तय किए गए रूट ।


महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा और देवास मार्ग के लिए सबसे ज्यादा 100 बसें लगाईं , गुना-दिनारा में 80 बसें  मध्य प्रदेश सरकार ने दूसरे प्रदेशों से पैदल चलकर आ रहे श्रमिकों के लिए सीमावर्ती जिलों में जरूरी प्रबंध किए हैं। उनके ठहरने, भोजन, पेयजल, प्राथमिक उपचार और दवाओं के प्रबंध किए गए हैं। मजदूरों को बसों के जरिए उनके जिलों तक छोड़ने और अन्य राज्यों के मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा तक छुड़वाने के लिए 375 अतिरिक्त बसें लगाई गई हैं। इसके लिए सीमावर्ती जिलों में ट्रांजिट पॉइंट बनाए गए हैं, जहां से स्थानीय प्रशासन के सहयोग से मजदूरों को सकुशल उनके गृह नगर/गांवों तक पहुंचाया जाएगा। 


मध्यप्रदेश के ऐसे सीमावर्ती जिलों में बसों की व्यवस्था की गई है। जहां बड़ी संख्या में श्रमिक आ रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र सीमा सेंधवा-देवास मार्ग के लिये 100 बस, देवास-गुना के लिए 50, देवास-सागर के लिए 40, गुना-भिण्ड (उत्तरप्रदेश सीमा) के लिये 20, गुना-दीनारा (झांसी-उत्तरप्रदेश सीमा) के लिए 80 बस, मुरैना-ग्वालियर-दतिया-झांसी के लिए 25, देवास-दौलतपुर (सीहोर) के लिए 10, दौलतपुर (सीहोर)-सागर-मालथौन के लिए 25, दौलतपुर(सीहोर)-सागर-छतरपुर (महोबा उत्तरप्रदेश सीमा) के लिए 25 बसें अलर्ट मोड पर हैं।जिला कलेक्टर्स को बताया गया कि मध्यप्रदेश के महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा (बीजासन)-देवास, देवास-गुना, गुना-शिवपुरी होते हुए झांसी उत्तरप्रदेश सीमा तक और गुना-शिवपुरी-ग्वालियर-भिंड होते हुए उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को छोड़ने के लिए देवास और गुना में ट्रांजिट पाॅइंट बनाया जा सकता है। देवास से छतरपुर मार्ग पर दौलतपुर (सीहोर) ट्रांजिट पाॅइंट बनाया जा सकता है। दौलतपुर (सीहोर) से ही मालथौन और दौलतपुर-सागर-छतरपुर होते हुए महोबा-उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को ले जाएं। इन पाॅइंट पर आराम करने के लिए छाया, भोजन, चाय-पानी और फस्ट-ऐड एवं आवश्यक दवाइयां भी रखी जाएं। इन ट्रांजिट पाॅइंट पर कुछ वाहन भी रखे जाएं, जिससे श्रमिकों की अदला-बदली होकर उन्हें आगे प्रदेश की सीमा पर पहुंचाने की व्यवस्था हो सके।