प्रदेश में शराब की दुकाने होंगी बंद । शराब ठेकेदारों का एलान । सरकार और ठेकेदार आमने-सामने ।

             


                                                         राजस्व को लेकर झगड़ा बरकरार ।                    

                                                      ब्लैक मेलिंग पर उतरे माफिया ठेकेदार।

                                                    भोपाल सहित कई शहरों में नहीं खुली दुकाने ।

भोपाल ब्रेकिंग ।

 

मध्य प्रदेश सरकार एवं शराब ठेकेदारों के बीच में एक बार फिर से विवाद इस स्तर तक पहुंच गया है कि उन्होंने अपनी एसोसिएशन के माध्यम से आज सरकार के खिलाफ ताल ठोकते हुए कहा कि हम किसी भी कीमत पर शराब की दुकान चलाने में समर्थ नहीं है और ना ही हम चलाएंगे । अगर सरकार चाहे तो हमें ब्लैक लिस्टेड कर सकती है और सरकार स्वयं अपने साधनों से शराब की दुकान चलवा दे । जानकारी के अनुसार आज प्रदेश के भोपाल शहर एवं नगरीय क्षेत्र सहित आसपास के कई जिलों में आज शराब की दुकानें बंद रहीं । कुल मिलाकर अब मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ शराब व्यवसाई सीधे-सीधे बगावत की स्थिति में आ चुके हैं और उन्होंने ऐलान कर दिया है कि सरकार अपने स्तर पर जो भी निर्णय चाहे कर सकती है ।

नरोत्तम मिश्रा ने समझौते की पहल की थी ।

 

शराब व्यवसाई एवं सरकार के बीच चल रहे लगभग 15 दिवस पूर्व हाईकोर्ट से लेकर विभाग स्तर पर शराब व्यवसायियों की मांग के ऊपर समझौते के रूप में चर्चा कल ही नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश के बड़े शराब व्यापारियों से की थी । एवं उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके साथ न्याय किया जाएगा । परंतु इस चर्चा के 24 घंटे भी नहीं पीते पाए थे कि आज शराब व्यापारी खोल कर सरकार के खिलाफ सामने आ गए । प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि मुझे आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं है परंतु अगर ऐसा है तो इस विषय पर बैठ कर बात करेंगे ।

 

शराब व्यवसाई एवं सरकार दोनों को हो रहा है बड़े राजस्व का घाटा ।

 

मध्य प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष शराब से 2000 करोड़ से अधिक का लाभ प्राप्त होता है , एक जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश को शराब व्यवसाई से 25 से 30 करोड़ों प्रतिदिन की आमदनी होती है । परंतु कोरोनावायरस संक्रमण काल के दौरान पिछले 2 महीने से शराब की दुकान नहीं खुली । जिसके कारण मध्य प्रदेश सरकार को एक तरफ जहां करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ वहीं शराब व्यापारियों के अनुसार उन्हें भी शराब बिक्री से होने वाले फायदे के साथ साथ लाइसेंस फीस देने की दोहरी मार से जूझना पड़ रहा है । ऐसी स्थिति में शराब ठेकेदार शराब बिक्री को लेकर हाथ खड़े कर चुके हैं । कुल मिलाकर शराब व्यापारी एवं सरकार दोनों के बीच पिछले 1 महीने में कोई भी समझौता होने की उम्मीद सामने दिखाई नहीं दे रही वहीं दूसरी और हाई कोर्ट जबलपुर में इस मामले में केस लगा हुआ है जिसकी तारीख भी इसी महीने है ।

 

लोकडाउन में लोग बाहर नहीं निकल रहे । शराब बिक्री 20% भी नहीं । शराब ठेकेदार ।

 

इस संबंध में शराब ठेकेदार जो भोपाल एवं मध्य प्रदेश से संबंधित व्यवसाय करते हैं उनके अनुसार मध्य प्रदेश में लोक डाउन अभी भी समाप्त नहीं हुआ है ऐसी स्थिति में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं । उपरोक्त परिस्थिति में शराब की बिक्री 20% ही रह गई है । और हमें एक्साइज ड्यूटी का भुगतान प्रतिमाह करना होता है ऐसी स्थिति में हमें पूरे साल चलाने की स्थिति किसी भी सूरत में सकारात्मक रूप से दिखाई नहीं दे रही । शराब ठेकेदारों का तर्क है कि शराब के टेंडर में जो आवश्यक शर्तें लगाई जाती है उस आवश्यक शर्त में कोरोनावायरस संक्रमण के आपातकाल का कोई भी उल्लेख विश्व की किसी भी टेंडर सर्च में दिखाई नहीं दिया है । ऐसी स्थिति में टेंडर में संशोधन कैबिनेट के माध्यम से किया जाना चाहिए । आपात स्थिति में किसी भी तरह का सहयोग इस आपातकाल के दौरान दुकानदारों को प्राप्त नहीं हो रहा । ठेकेदारों के अनुसार जब शराब बिक्री ही नहीं होगी अथवा अपेक्षा से 20% ही शराब बिक्री होगी तो लाइसेंस फीस ठेकेदार शासन को किस तरह दे पाएंगे ।

 

15 दिन के अंदर ब्लैक लिस्टेड हो सकते हैं ठेकेदार । सरकार ले सकती है कठोर निर्णय ।

 

सरकार एवं शराब ठेकेदारों की आमने सामने आ जाने की स्थिति के दौरान अब मध्य प्रदेश सरकार के पास एकमात्र विकल्प यही रह गया है कि पूर्व में कई वर्ष पहले इस तरह की प्रक्रिया सामने आई थी जब मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों ने शराब बिक्री में हिस्सा लिया था एवं कई ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया था । निश्चित रूप से शराब ठेकेदार एक तरफ जहां सरकार को ब्लैक मेलिंग कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर महामारी के इस काल में सहयोग के रूप में धैर्य समाप्त करते जा रहे हैं । ऐसी स्थिति में आबकारी विभाग के सूत्र बताते हैं कि किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सरकार तैयार है हम इस तरह से ब्लैकमेल होते हुए सरकार को नहीं देख सकते और परिणाम स्वरूप निश्चित रूप से आने वाला समय हमारे लिए कठोर निर्णय वाला होगा । एक तरफ जहां इस मामले में ठेकेदार एसोसिएशन स्वीकार करती है कि हम ब्लैक लिस्ट हो सकते हैं वहीं सरकार के सूत्र भी कहते हैं कि ब्लैकमेलर ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा ।