शराब की कीमतें बढ़ाने की तैयारी । प्रदेश का खाली खजाना । पांच राज्यों में बढ़ चुकी है कीमत ।

   


भोपाल कार्यालय ।


मध्य प्रदेश की माली हालत पिछले 2 साल से वैसे ही खराब थी , अतिरिक्त कर्जा एवं उसका बोज पूर्व कांग्रेस की सरकार ने लगभग डेढ़ वर्ष उठाया , जिसने अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 4 बार कर्जा लिया । और जैसे ही मध्य प्रदेश में सरकार बदली और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बने उसके साथ ही मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण ने दस्तक दे दी और हालात बद से बदतर होते चले गए । इस विषम परिस्थिति में आज मध्य प्रदेश सरकार के हालात वही है जो कुछ दिनों पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के हालात के विषय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था । अर्थात मात्र प्रदेश को आने वाले 4 महीने के अंदर अगर राजस्व की पूर्ति नहीं हुई तो सरकारी कर्मचारियों को तनखा देने के लिए पैसे नहीं होंगे ।


अब शराब महंगी करने की तैयारी ।


मध्य प्रदेश में पिछले 50 दिनों से शराब की दुकानें बंद है एक जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में शराब से राजस्व की प्राप्ति प्रतिदिन लगभग ₹30 करोड रुपए होती है , इस हिसाब से लगभग 18 सौ करोड़ रुपए से अधिक मध्य प्रदेश को शराब से राजस्व का नुकसान हो चुका है । वहीं दूसरी ओर शराब ठेकेदारों की माने तो उन्हें व्यक्तिगत इतना अधिक नुकसान हो चुका है जो लगभग वार्षिक दर के हिसाब से 40% माना जा रहा है । इस स्थिति में शराब की दुकान में भले ही मध्यप्रदेश में खुल गई परंतु शराब व्यापारियों से ही राजस्व प्राप्ति की स्थिति में फिलहाल सरकार दिख रही है इस मामले में अब एक ही रास्ता प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष रहेगा कि प्रदेश में राजस्व को बढ़ाने के लिए शराब की कीमत को बढ़ाया जाए । कल शुक्रवार को इस मामले में उन्होंने संकेत भी दे दिए हैं कि मध्यप्रदेश में राज्य से बढ़ाने के लिए जो कुछ भी हो सके का करना होगा ।


कई प्रदेशों में  बढ़ गई शराब की कीमत ।


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल शुक्रवार को एक तरफ जहां संकेत दिए कि प्रदेश के राजस्व की पूर्ति हेतु शराब की दुकानों का सतत संचालन आवश्यक हैं । वहीं दूसरी और शराब की कीमतें बढ़ाना भी बहुत आवश्यक है । एक जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश मैं अभी तक शराब की कीमतें नहीं बढ़ाई गई हैं जो लगभग पिछले 2 वर्षों से एक समान चली आ रही है । वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में जो आबकारी नीति लागू की गई है ,वह कांग्रेस सरकार की सिंडीकेट से संबंधित एक तरफा पॉलिसी है जिसमें कोई संशोधन नहीं किया गया है । जानकारी के अनुसार लगभग 10 दिवस पूर्व दिल्ली में शराब की कीमत बढ़ा दी गई है जो लगभग 40% से 60% बढ़ी है । वहीं दूसरी और उत्तर प्रदेश सहित अन्य संबंधित राज्यों में भी शराब की कीमतें लगभग इसी अनुपात में बढ़ाई गई चुकी है । क्योंकि मध्यप्रदेश में शराब की राजस्व प्राप्ति में सरकार को 2000 करोड़ों के से अधिक का नुकसान हो चुका है इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगभग तय कर लिया है कि मध्य प्रदेश में शराब की कीमतें किसी भी समय बढ़ाई जा सकती है ।